उदयपुर, भजन और गजल की जुगलबंदी एक अद्भूत कला है और इस कला के माहिर दिग्गज भजन व गजल गायक मंच पर तो सामने सुर और संगीत के कद्रदान। बस फिर क्या था माहौल कभी भक्तिमय तो कभी गजलों की प्रेम वर्षा से लोगों के दिलों पर देर रात भजन सम्राट ने अपना जादू बनाए रखा। भजन सम्राट अनूप जलोटा गुरूवार को नगर निगम द्वारा आयोजित सांस्कृतिक संध्याओं में तीसरे दिन मौजूद थे। उन्होंने भजनों की रसधारा बहाकर श्रोताओं को अपने रंग में रंग लिया। टाउनहाल के भव्य प्रांगण में गायक अनूप जलोटा ने भक्तिमय गायिकी से श्रोताओं पर भक्ति रस बरसाया तो वही उनकी गजलों को सुनने के बेताब लोगों की फरमाईशें पूरी करते रहे। उनकी हर एक प्रस्तुतियों ने जमकर तालिया बटोरी।
अनूप जलोटा ने अपने चिरपरिचित अंदाज से अपनी गायन प्रस्तुति देना शुरू किया तो आरंभ से ही समां बांध दिया। संध्या में बैठे लोग ऐसी लागी लगन... सुनने को बेताब थे। मंच से उन्होंने जैसे ही ऐसी लागी लगन... की शुरुआत की तो हर एक झूम उठा। कार्यक्रम के दौरान जलोटा ने रंग दे चुनरिया..., जग में सुंदर है दो नाम चाहे कृष्ण कहो या राम... गाकर वाहवाही लूटी। उसके बाद चले भजनों का जैसे सिलसिला ही चल पड़ा। उन्होंने जाना था अच्युतम केशवं कृष्ण दामोदरं, राम नारायणं जानकी वल्लभं..., गंगा पार प्रभु केवट की नाव..., मैया मोरी मैं नहीं माखन खायो..., जैसे लोकप्रिय भजनों को भी प्रस्तुत किया। मशहूर भजन गायक अनूप जलोटा की सुरीली आवाज ने ना केवल लोगों का दिल जीता बल्कि उनकी हर एक प्रस्तुति पर तालियों की गडग़ड़ाहट से पूरा टाउनहॉल गूंज उठा। अनूप जलोटा ने केवल वाहवाली नहीं लूटी ब्लिक भक्ति से भरपूर माहौल भी पैदा कर दिया। उन्होंने मशहूर गजल चांद अंगड़ाइयां ले रहा है..., लज्जते गम बढ़ा दीजिए..., होठों से छू लो तुम मेरा गीत अमर कर दो की प्रस्तुती ने जैसे मानों गजलों पर जो प्रेम का दायित्त्व है उसे पूरा कर दिया हो। अनूप जलोटा ने दर्शकों के अनुरोध पर कई भजन पेश किए और अपनी दमदार प्रस्तुतियों से उपस्थित लोगों की नगर निगम की यह तीसरी संध्या को यादगार बना दिया। मधुर भजन के लिए मशहूर अनूप जलोटा को देखने-सुनने के लिए आम से लेकर खास तक पहुंचे थे। संध्या में कई मोड आए कभी गजल कभी भजन और माहौल का रूख बदलने के सुरमयी आवाज के जादूगर ने इस जुगलबंदी से सबको बांधे रखा।
सांस्कृतिक संध्या की शुरूआत सुफी सिंगर रफीक खान ने गणेश वंदना से की, उसके बाद उन्होंने तेरी दीवानी दीवानी... की प्रस्तुति दी। इस शानदार प्रस्तुति के बाद महापौर व सभी पार्षदों ने जालोटा को उपरणा ओढ़ाकर सम्मानित किया। सांस्कृतिक संध्या के मध्य में नीताशा अग्रवाल ने राम नाम अति मीठा है.. की सधी प्रस्तुति दी।इससे पूर्व सांस्कृतिक संध्या का आगाज तीसरे दिन अतिथियों सहित महापौर व पार्षदों ने राम दरबार व गणपति वंदना, पूजा अर्चना के साथ किया।
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