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स्वच्छ भारत अभियान में विचारों की भी आए स्वच्छता

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13 Oct 17
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स्वच्छ भारत अभियान में विचारों की भी आए स्वच्छता
उदयपुर, प्रसिद्ध भजन सम्राट अनुप जलोटा ने कहा कि मैं नैनीताल का रहने वाला हूं, नैनीताल की ही तरह उदयपुर भी बेहद खूबसूरत शहर है। यहां जब-जब भी आना होता है, बेहद खुशी होती है। मैं बार-बार आना चाहूंगा यहां। जैसा उदयपुर है, वैसा ही यहां के लोगों के दिलों की खूबसूरती है। उदयपुर वासियों को एक ही संदेश देना चाहता हूं कि वे यहां का कल्चर, यहां की भाषा को नहीं खोएं। शहर की तरह अपने विचारों में भी सुंदरता बनाए रखें।
नगर निगम की ओर से आयोजित दीपावली मेले में प्रस्तुति के चलते उदयपुर आगमन पर भजन सम्राट अनुप जलोटा ने एक साक्षात्कार में ये बात कही। उन्होंने स्वच्छ भारत अभियान के विषय में कहा कि ये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुंदर सोच है। सभी देशवासियों को सोचना चाहिए कि महज साफ सफाई ही नहीं, बल्कि विचारों में भी स्वच्छता आए। वातावरण के साथ ही विचारों में भी स्वच्छता होगी तो जीवन में सकारात्मकता आएगी।
सवाल: आपने कॅरियर में भजन गायकी को ही क्यों चुना?
जवाब: भजन में जो आनन्द है और किसी में नहीं। भजन शास्त्रीय संगीत पर आधारित है। इसमें क्लासिकल के साथ भक्ति संगीत है। भजनों में मीरा, कबीर, रेदास जैसे संत, महापुरुषों की रचनाएं पढऩे को मिलती है, जिनमें विशेष प्रभाव है। उनकी वाणी में शिक्षाएं है।
सवाल: भजन गायकी में क्लासिकल की कितनी भूमिका है?
जवाब: भजनों में भक्ति भाव तो है ही, साथ ही क्लासिकल की बड़ी भूमिका है। अगर गायकी में क्लासिकल आ जाए तो गायकी का आदर बढ़ जाता है।
सवाल: आपने भजन और गजल गायकी में इतनी सफलता कैसे हासिल की?
जवाब: मैंने गायकी को सीरियसली लिया। रागों की जानकारी ली। अपने पिताजी अध्ययन का लाभ हुआ। ऐसे में गायकी को लोगों ने स्वीकार किया।
सवाल: भजन गायकी में कितना कॅरियर है?
जवाब: भजन व गजल गायकी में कॅरियर की बेहतर संभावनाएं हैं। क्यों कि भारत धर्म प्रीय देश है। यहां दीपावली, दशहरा हो या जन्माष्टमी, गणेश महोत्सव, नवरात्रि महोत्सव हो या और कोई धार्मिक अवसर। भजन सुने जाते हैं।
सवाल: आपने फिल्मों में भी काम किया, कैसा अनुभव रहा?
जवाब: मैंने फिल्मों में भी काम किया। सबसे यादगार रोल सत्य सांई बाबा का रहा। मैं व्यक्तिगत रूप से सत्य सांई बाबा से जुड़ा रहा हूं। वो मुझे छोटे बाबा कहकर बुलाते थे। फिल्म में उनका किरदार बड़ी लगन के साथ किया।
सवाल: आप गाते भी हैं, फिल्मों में भी समय देते हैं, खुद के लिए समय कैसे निकालते हैं?
जवाब: जीवन में सोना बहुत जरूरी नहीं है। मेडिटेशन ऐसी चीज है, जिससे कम समय में दिमाग और शरीर को आराम दे सकते हैं। 3-4 घंटे मेडिटेशन करके पूरी ऊर्जा के साथ फिर से काम करते हैं।
सवाल: खाली समय में आप क्या लिखना-पढऩा पसंद करते हैं?
जवाब: खाली समय में मैं भगवत गीता और रामचरित मानस पढ़ता हूं। इन दिनों अलवर जलालवी के साथ रामचरित मानस को उर्दू में रिकॉर्ड कर रहा हूं। जो चार-पांच माह में तैयार हो जाएगी। रामचरित मानस को 1500 शेरों में लिखा गया है। संस्कृत की तुलना में उर्दू सभी को समय आएगी। ये भारत ही नहीं, दुनियाभर में पहचान बनाएगी।
सवाल: जगजीत सिंह जैसे गायकों से आपका साथ रहा, क्या कहेंगे उनके बारे में?
जवाब: जगजीत सिंह देश के ख्यातनाम गायक रहे, जिन्होंने दुनियाभर में देश का नाम रोशन किया। इसी तरह से गुलाम अली, जिन्होंने अपनी अलग पहचान बनाई। मैं उनका खूब आदर करता हूं। इनसे मेरे बेहतर संबंध रहे हैं।
सवाल: गायकी के लिए किस तरह के त्याग की जरुरत है?
जवाब: गायकी के लिए सबसे जरूरी है अभ्यास के लिए समय देना। गला बेहतर बना रहे, इसके लिए जरुरी है कि सिगरेट और तम्बाकू इस्तेमाल नहीं करें। ये अपनी ऊर्जा को मार देने वाली चीजें है।
सवाल: आज कल फिल्मों की धुनों पर भक्ति गीत काफी बनते हैं, क्या कहेंगे?
जवाब: जो लोग नई धुनें नहीं बना पाते, वे फिल्मी और पुरानी धुनों से ही काम चलाते हैं। धुनों का इस्तेमाल जहां जरुरत है, वहां करना चाहिए, अन्यता नया प्रयोग होना चाहिए।
सवाल: आप संगीत शिक्षा भी दे रहे हैं, कोई आम आदमी आपसे कैसे जुड़ सकता है?
जवाब: संगीत शिक्षा के मामले में मेरे लिए सभी एक समान है। कोई भी मुझसे व्यक्तिगत रूप से संपर्क कर सकता है, सभी का स्वागत है। मुझे खुशी होगी कि कोई उदयपुरवासी भी मुझसे संगीत सिखना पसंद करेगा। इसके लिए मुझसे मोबाइल नम्बर 9821069089 पर संपर्क किया जा सकता है।

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