जयपुर, मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने सूचना एवं प्रसारण मंत्री श्रीमती स्मृति जुबिन ईरानी को पत्र् लिखकर आग्रह किया है कि पद्मावती फिल्म तब तक रिलीज न हो, जब तक इसमें आवश्यक बदलाव नहीं किए जाएं ताकि किसी भी समुदाय की भावनाओं को ठेस न पहुंचे।
उन्होंने पत्र् में कहा है कि इस संबंध में सेंसर बोर्ड को भी फिल्म प्रमाणित करने से पहले इसके सभी संभावित नतीजों पर विचार करना चाहिए। प्रसिद्ध इतिहासकारों, फिल्मी हस्तियों और पीडत समुदाय के सदस्यों की एक समिति गठित की जाए जो इस फिल्म तथा इसकी कथानक पर विस्तार से विचार-विमर्श करे। उसके बाद ऐसे आवश्यक परिवर्तन किए जाए जिससे किसी भी समाज की भावनाओं को आघात न लगे।
श्रीमती राजे ने कहा कि फिल्म निर्माताओं को अपनी समझ के अनुसार फिल्म बनाने का अधिकार है लेकिन कानून व्यवस्था, नैतिकता और नागरिकों की भावनाओं को ठेस पहुंचने की स्थिति में मौलिक अधिकारों पर भी तर्क के आधार पर नियंत्र्ण रखने का प्रावधान भारत के संविधान में है। इसलिए पद्मावती फिल्म की रिलीज पर पुनर्विचार किया जाए।
केन्द्रीय मंत्री को पत्र् लिखने के लिए मेवाड के एक प्रतिनिधिमंडल ने शनिवार को मुख्यमंत्री निवास पर श्रीमती राजे से मुलाकात कर उनका आभार जताया। प्रतिनिधिमंडल में यूडीएच मंत्री श्री श्रीचंद कृपलानी, चित्तौडगढ विधायक श्री चन्द्रभान आक्या, मेवाड क्षत्र्यि महासभा के अध्यक्ष श्री बालू सिंह कानावत, मेवाड क्षत्र्यि महासभा के संरक्षक श्री मनोहर सिंह कृष्णावत एवं श्री श्री तेज सिंह बांसी, जोहर स्मृति संस्थान, चित्तौडगढ के महामंत्री श्री भंवर सिंह खरडी, कोषाध्यक्ष श्री नरपत सिंह भाटी, चित्तौड क्षत्र्यि महासभा के अध्यक्ष श्री लक्ष्मण सिंह खोर शामिल थे।
इसके अलावा श्री गजसिंह अलसीसर ने भी मुख्यमंत्री का आभार जताया।
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