फोर्टिस जेके हॉस्पिटल में मिर्गी पर वार्ता को आयोजन किया गया। इसमें किड जी स्कूल के स्टाफ के साथ फोर्टिस जेके हॉस्पिटल के सभी कर्मचारी व डॉक्टरर्स ने भाग लिया। वार्ता में न्यूरो सर्जन डॉ अमितेन्दु षेखर ने बताया कि मिगी/ताण मस्तिश्क संबंधी बिमारीयों का एक समूह हैं जो मिर्गी के दौरे के रूप में जानी जाती हैं मिर्गी दौरे कम और जोरदार झटकों की लंबी अवधी के लिए भी हो सकते है। इमय पर इसकी पहचान कर उपचार से ठीक किया जा सकता है। इसके प्रमुख लक्षण अस्थाई भ्रम कि स्थिति। षरीर में जादू की तरह महसूस होना, हाथ और पैर का बैकाबू हो जाना, चेतना या जागरूकता की हानी, मानसीक जैसे विकार होते है।
क्या करें - एक मिरर्गी दौरा कम से कम ३-४ मिनट तक चलता हैं ऐसे मे षांति बनायें रखें। ताण वाले व्यक्ति से टाई, दूपट्टा, चष्मा हटा ले। मिर्गी वाले व्यक्ति के आस-पास अन्य वस्तुओं को भी हटा लेना चाहिए जिससे चोट का कारण बन सकता है। व्यक्ति गिरे नहीं इसके लिए उसे समतल जगह पर ले जायें। सिर के निचे नरम तकिया, षॉल, या स्वेटर रखें।
मिर्गी होने पर ऐसा ना करें- पीडत व्यक्ति को नियंत्रण में लेने कि बजाय उपचार के लिए ले जायें। पानी या किसी तरल पदार्थ से व्यक्ति को चोकिंग हो सकता है। पीडत व्यक्ति के मुँह में किसी प्रकार की वस्तु डालने का प्रयास घातक हो सकता है। सीपीआर का प्रयास न करें। कृत्रिम ष्वसन कि्रया या ह्रदय पम्पिंग का प्रयास भी उचित नहीं हैं।
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