GMCH STORIES

चित्र नहीं चरित्र के पीछे भागो: आचार्यश्री सुनील सागरजी

( Read 7785 Times)

22 Oct 17
Share |
Print This Page
उदयपुर,आज का व्यक्ति चित्र केपीछे भागता है। घर में स्वयं का चित्र लगवाएगा वो भी बड़ा करके रंगीन में। अखबार में भी उसके स्वयं के चित्र को ही देखना पसन्द करेगा। कोई भी आयोजन हो स्वयं का चित्र ही पहले भेजने की चेष्टा करेगा। लेकिन ज्ञानी जनों के लिए कभी भी चित्र मायने नहीं रखता है। क्योंकि चित्र का चरित्र से कोई भी सम्बन्ध नहीं होता है।
जितना खूबसूरत आप अपना चित्र बनवाते हो, उसे सहेज कर रखते हो, कांच की फ्रेम में पैक करवा कर धूल मिट्टी, पानी इत्यादि से बचा कर रखते हो, उसी तरह तरह आप अपी आत्मा को भी चरित्र की फ्रेम में जुड़वाकर सहेजो और उसे भी क्रोध, काम, लोभ, माया आदि से बचा कर रखोगे तो ही आप को आत्मानुभूति होगी और आत्मकल्याण होगा। चित्र मोक्ष काम मार्ग नहीं है मोक्ष का मार्ग तो चरित्र ही होता है। उक्त विचार आचार्यश्री सुनीलसागरजी महाराज ने हुमड़ भवन में आयोजित प्रात:कालीन धर्मसभा में व्यक्त किये।
आचार्यश्री ने कहा कि चित्र से इतिहास नहीं लिखे जाते हैं और नहीं बदले जा सकते हैं। इतिहास तो पुरूषार्थ करने से ही बनते हैं। किसी का इतिहास बिगाड़ देने से स्वयं का इतिहास नहीं लिखा जा सकता है। जो इतिहास है वो तो रहेगा ही अगर इतिहास लिखना है या इतिहास बनना है तो स्वयं को पुरूषार्थ करना पड़ेगा और चारित्र्य चक्रवर्ती बनना पड़ेगा। इसके लिए आत्मा को समझना होगा। मनुष्य चाहे जितनी भी ख्याति या प्रसिद्धि प्राप्त कर ले, लेकिन उससे आत्मा का क्या लेना देना। ख्याति और प्रसिद्धि भी मोक्ष का मार्ग नहीं कहा जा सकता है। आत्मा के शांत भाव को समझना और आत्मानुभूति करना और अपने आत्म स्वभाव में रहना और अपना चरित्र निर्माण करना यही मोक्ष का मार्ग होता है।
अध्यक्ष शांतिलाल वेलावत एवं सेठ शांतिलाल नागदा ने बताया कि धर्मसभा में मंगलाचरण गोरेगांव मुम्बई से आई श्रीमती रीता देवी ने किया। मुख्य अतिथि भरतवीर मिण्डा, कीर्तिवीरजी मिण्डा, कमल कुमार जैन, समर भाई जैन थे। चित्र अनावरण, दीप प्रज्वलन तथा अघ्र्य समर्पण के पुण्यार्जकों में राहुल जैन, सेठ शांतिलाल नागदा, कल्याणमल मेहता, चन्द्रप्रकाश कारवां आदि थे।
पिच्छी परिवर्तन 19 नवम्बर को: प्रचार- प्रसार मंत्री पारस चित्तौड़ा ने बताया कि आचार्यश्री सुनीलसागरजी महाराज ससंघ का पिच्छी परिवर्तन का समारोह 19 नवम्बर को होगा एवं उसीदिन तपस्वी सम्राट कलश की लॉटरी निकाली जाएगी। विजेताओं को तपस्वी सम्राट कलश दिया जाएगा।


Source :
This Article/News is also avaliable in following categories : Udaipur News , Chintan
Your Comments ! Share Your Openion

You May Like