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घर में टीवी नही परमात्मा विराजित करें ः नीलांजना श्री

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21 Sep 17
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उदयपुर, साध्वी नीलांजना श्री ने दादाबाडी स्थित वासुपूज्य मंदिर में प्रवचन सभा को संबोधित करते हुए कहा कि घर में अपने हृदय में परमात्मा को बसाना चाहिए जबकि आज हमने घर में टीवी को विराजित कर रखा है।
उन्होंने कहा कि परमात्मा किस अवस्था में समवशरण में विराजित हैं, वो कल्पना ध्यान में लानी चाहिए। उनकी देशना सुन रहा हूँ, ऐसे भाव लाने चाहिए। कब क्या पता परमात्मा की हम पर कृपा हो जाये और हम मोक्ष को प्राप्त कर सकें। प्रणाम यानी नमन करना। ३ तरह से प्रणाम किया जाता है, अंजुलि भर यानी दोनों हाथ जोडकर, अर्धावनत आधा झुककर और पंचांगनत यानी दो हाथ, दो घुटने और सिर झुकाकर पांच अंग से प्रणाम किया जाता है। हम प्रणाम कर अनंत भवों से मुक्ति पा सकते हैं। इसके बाद अंग पूजा (स्पर्श कर), अग्र पूजा (परमात्मा के आगे यानी पुष्प, धूप, दीप चढाना) और भाव पूजा यानी जो हृदय के समर्पण चौत्य वंदन से की जाती है। अष्ट प्रकारी, नौ अंगों से पूजा की जाती है।
दादाबाडी ट्रस्ट के सचिव प्रतापसिंह चेलावत ने बताया कि २७ सितम्बर से आरंभ होने वाली नवपद की ओली की तैयारियां जोर शोर से चल रही है। रजिस्ट्रेशन अपने अंतिम दौर में है। इसके लाभार्थी निर्मलाबेन कोठारी एवं परिवार हैं।


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