शिक्षको को अपने शिक्षक होने का गर्व होना चाहिये - प्रो. सारस्वत
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20 Sep 17
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उदयपुर / शिक्षको को अपने शिक्षक होने का गर्व होना चाहिये इस संसार में ज्ञान से पवित्र कोई वस्तु नहीं है शिक्षकों को सदा प्रयास करते रहना चाहिये एवं समाज को निरन्तर प्रेरित करते रहना चाहिये।डॉ. राधा कृष्णन, डॉ. अब्दुल कलाम ने कहा था कि शिक्षक सदा विद्याार्थी बनकर अपना कार्य करे तो निशिचत ही सम्मान के साथ राष्ट्र अपने लक्ष्यों को शिघ्रता से प्राप्त करने में सक्षम होगा। उक्त विचार मंगलवार को व्याखानमाला में लोकमान्य तिलक शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय की ओर से आयोजित समारोह में अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में सयुक्त निदेशक माध्यमिक शिक्षा निदेशालय बीकानेर के प्रो. सारस्तव ने कही। उन्होने कहा कि छात्रों को शिक्षा देने के लिए आधुनिक तकनीकी ज्ञान व नवाचार को अपनाना होगा। शिक्षको को चाहिए कि वह छात्रों को त्याग, सहिष्णुता, तालमेल, करूणा जैसे सभ्यता की सीख दे। क्योंकि मजबूत शिक्षक प्रणाली जागरूक समाज का सुदृढ आधार है। प्रारंभ में प्राचार्य डॉ. शशि चितौडा ने अतिथियों का स्वागत करते हुए समारोह की जानकारी दी। डॉ. सरोज गर्ग, सुभाष बोहरा, डॉ. बलिदान जैन, डॉ. सुनिता मुर्डिया डॉ राजेश जोशी डॉ. लोकेश आत्रें डा सरला जैन यने भी अपने विचार व्यक्त किए। संचालन हरिश चन्द्र चौबिसा ने किया जबकि धन्यवाद डॉ. पी.सी. दोषी ने दिया।
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