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परिणय सूत्र में बंधे कलाल समाज के 9 जोडे

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29 Apr 17
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परिणय सूत्र में बंधे कलाल समाज के 9 जोडे चारों और हर्ष-उल्लास और उमंग की बरसात। ऐसा लग रहा था जैसे कडाके की धूप भी शीतल चान्दनी रात की ठण्डक घोल रही हो। कोई मेहमानों की आवभगत में लग रहा था तो कोई व्यवस्थाओं में जुटा था। जहंा महिलाएं लगातार मंगल गीतों से आसमान गूंजा रही थी तो पुरूष वर्ग हर व्यवस्थाओं पर बारीकी से नजर गढाये हुए था। एक तरफ सामूहिक विवाह के मण्डप सजे थे तो उसी के पास अलग से अतिथियों के मंच एवं समाजजनों के लिए पाण्डाल लगाया गया जहां पर कूलर, पंखे, जलनपान एवं बैठने के लिए पर्याप्त कुर्सियों एवं सोफे की व्यवस्था थी।
उमंग और उत्साह कितना भव्य था इसका अन्दाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इतना बडा पाण्डाल भी जन सैलाब के आगे छोटा पड गया। साथ ही तीसरा पाण्डाल और सजा था जहां पर विभिन्न स्वदिष्ट व्यंजनों के साथ प्रीति भोज रखा गया था। यह भव्य नजारा था सर्ववर्गीय कलाल संगिनी महिला मण्डल उदयपुर (सुहालका, चौधरी, पूर्बिया, जायसवाल, टांक, पटेल सभी वर्गों) द्वारा आयोजित द्वितीय सामूहिक विवाह सम्मेलन का। जहां अक्षयतृतीया के शुभ अवसर पर भण्डारी दर्शक मण्डप के गांधी ग्राउण्ड में हर्ष-उल्लास एवं उमंग के साथ 9 जोडों का पण्डितों के मंत्रोच्चार के बीच सामूहिक विवाह सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर 5॰ से अधिक भामाशाहों का सम्मान किया गया।
मण्डल की अध्यक्ष भावना सुहालका ने बताया कि सामूहिक विवाह के मांगलिक कार्यक्रमों की शुरूआत प्रातः 7.3॰ से 8.3॰ बजे तक गणपति स्थापना से हुई। इसके बाद स्वल्पाहार हुआ। प्रातः 9.15 बजे से सभी 9 जोडों की भारतीय लोकला मंडल से शोभा यात्रा प्रारम्भ हुई। शोभा यात्रा में सैंकडों सर्ववर्गीय कलाल समाज के बुजुर्ग, युवक- युवतियां, महिला-पुरूष, बच्चें शामिल हुए। महिलाएं विशेष परिधानों में सजी मंगल गीत गाती चल रही थी, वहीं बैण्डबाजों की मधुर धुनों पर युवा नाचते- गाते चल रहे थे। तेज धूप के बावजूद हर कोई विवाह की मस्ती में झूम रहा था। कला मण्डल से 9.15 बजे प्रारम्भ हुई शोभा यात्रा 11 बजे गांधी ग्राउण्ड पहुंची जहां पर सामूहिक तोरण की रस्म हुई। तोरण के बाद वहां पर बनाये गये विशेष मंच पर सभी जोडों ने सामूहिक फोटो सेशन करवाने के बाद 11.3॰ बजे संगीत की मधुर धुनों एवं महिलाओं के मंगल गीतों के बीच वरमाला की मंगल रस्म हुई। इसके बाद सभी जोडे 12.15 सामूहिक रूप से शादी के मण्डप में पहुंचे जहां पर अलग- अलग मण्डप में एक- एक जोडे को बैठाया गया जहां पर पण्डितों ने मंत्रोच्चार के बीच शादी की विभिन्न रस्म अदायगी सम्पन्न करवाकर हस्त मिलाप एवं पाणिग्रहण संस्कार सम्पन्न करवाया। समारोह का सबसे भावुक क्षण आया शाम को 4.15 बजे जब दुल्हन बनी बेटियों की विदाई का। विदाई की रस्म के दौरान नव जीवन की शुभ्ज्ञकामनाएं एवं आशीर्वाद देते- देते हर कोई भावुक हो उठा और पूरा पाण्डाल जैसे खुशी के आंसूओं से छलक उठा।
संरक्षिका सुनिता सुहालका एवं चन्द्रकला चौधरी ने बताया कि इधर शादी के मण्डप के आगे ही अतिथियों के लिए विशेष मंच एवं पाण्डाल बनाया गया जहां पर मंच के सामने कुर्सियों एवं सोफों पर समाजजनों एवं नव दम्पत्तियों के लिए धर्म के माता- पिता बनने का लाभ लाभ लेने वालों को बिठाया गया। मंच पर मुख्य अतिथियों, अतिथियों एवं भामशाहों का माला एवं पगडी पहना कर विशेष सम्मान किया गया।
पूर्व केन्द्रीय मंत्री डॉ. गिरिजा व्यास ने दिया आशीर्वादः मंजू पर्बिया एवं लीना जायसवाल ने बताया कि समारोह में पूर्व केन्द्रीय मंत्री डॉ. गिरिजा व्यास ने द्वितीय सामूहिक विवाह में बतौर मुख्य अतिथि भाग ले कर नव विवाहित सभी जोडों को शुभकामनाएं एवं आशीर्वाद प्रदान किया। इस अवसर पर उन्हने कहा कि यह बहुत बडी बात है कि इतना भव्य एवं सफल दूसरा सामूहिक विवाह समाज की महिला मण्डल द्वारा हो रहा है। इतनी सुन्दर व्यवस्थाएं एवं अनुशासन देख कर वह अभिभूत हैं और दावे के साथ कह सकती है कि आज की नारी हर काम को सुन्दर एवं व्यवस्थित करने में सक्षम है।
यह थे मंचासीन अतिथिः बाबूलाल सुहालका अध्यक्ष कलाल महासभा एवं सुहालका महासभा, उदयपुर, लायन अध्यक्ष गायत्री- लायन कैलाश चौधरी लायन्स क्लब मेवाड गौरव, डॉ. मीनाक्षी- राकेश सुहालका उद्योगपति उदयपुर, प्रकाश चौधरी पूर्व विधायक बडी सादडी, जगन्नाथ वर्मा पूर्व विधायक, गौरीशंकर गुप्ता, कैलाश चौधरी, नारायण पटेल, भैरूलाल पूर्बिया, मुकेश कलाल, जसवन्तराज मेवाडा, जगदीश सुहालका, नरेन्द्र सुहालका, नगर विकास प्रन्यास चेयरमेन रविन्द्र श्रीमाली, नेपाल की पूर्व मंत्री चन्दा चौधरी,नेमीचन्द पंवार,सूर्यप्रकाश सुहालका, पुष्कर चौधरी, एवं नम्रता चौधरी, माणक मेवाडा के साथ ही बाबूलाल सुहालका अध्यक्ष कलाल महासभा एवं सुहालका समाज, सत्यनाराण चौधरी अध्यक्ष चौधरी मेवाडा कलाल समाज, लक्ष्मीलाल वर्मा अध्यक्ष पूर्बिया समाज, देवेन्द्र टांक अध्यक्ष टांक समाज, रमेशचन्द्र जायसवाल अध्यक्ष जायसवाल समाज, श्रीमती कुसुम टांक महिला अध्यक्ष टांक समाज एवं श्रीमती अंजना पूर्बिया महिला अध्यक्ष पूर्बिया समाज। सभी का सर्व वर्गीय कलाल संगिनी महिला मण्डल उदयपुर का सम्मान- अभिनन्दन किया गया। कार्यक्रम का संचालन सूर्यपकाश सुहालका, पुष्कर चौधरी, एवं नम्रता चौधरी द्वारा किया गया। धर्म के माता-पिता बाबरी बाई एवं गणपत पूर्बिया बने।
भामशाहों का किया सम्मान- सामूहिक विवाह समारोह के दौरान इस आयोजन में आर्थिक रूप से सहयोग करने वाले भामाशाहों एवं अन्य साजो- समान का सहयोग करने वालों का भी स्वागत अभिनन्दन किया गया। इनमें मुख्य रूप से बाबूलाल सुहालका, हरीश सुहालका, गायत्री, कैलाश चौधरी, डॉ. मिनाक्षी, राकेश सुहालका, शीलाजी- लक्ष्मीलाल पटेल, लक्ष्मीनारायण टांक, शिशुपाल, ओमप्रकाश सुहालका, रतनलाल सुहालका, रतनलाल सुहालका, बंशीलाल सुहालका, लोकेश चौधरी, जसवन्तराज एवं श्रीमती लक्ष्मीदेवी सहालका आदि का सम्मान किया गया।
यह दिये उपहारः ने बताया कि क्ष्तिीय सामूहिक विवाह में भामाशाहों द्वारा कई उपहार दिये गये जिनमें पलंग, चांदी की पायल एवं बिछिया, लहंगा- चुन्नी, बिस्तर सेट, बर्तन सेट, टेबल फेन, बाटी ओवन, प्रेशर कूकर, चादर, गैस चूल्हा, परात, लोटा, कम्बल, घडा, चरू, दीवार घडी, प्रेस, सिलाई मशीन, दुल्हे का ड्रेस मटेरियल एवं नाक लोग। इनके अलावा भी कई और भामाशाहों ने स्वयं की स्वेच्छा से नव दम्पत्तियों को उपहार दिये।

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