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सामूहिक पारणा उत्सव में ४१ तपस्वियों के हुए पारणे

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29 Apr 17
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सामूहिक पारणा उत्सव में ४१ तपस्वियों के हुए पारणे श्रमण संघ के उपाध्याय पूज्य गुरू पुष्कर मुनि मसा की जन्मस्थली सेमटाल स्थित श्री गुरू पुष्कर मुनि जैन पावनधाम में शनिवार को अक्षय तृतीया पर सामूहिक पारणा महोत्सव सम्पन्न हुआ, जिसमें ४१ श्रावक-श्राविकाओं को वर्षीतप का पारणा करवाया गया।
श्री गुरू पुष्कर तीर्थ पावनधान के अध्यक्ष सूरत प्रवासी ललित ओरडया ने बताया कि पारणा महोत्सव के अवसर पर महाश्रमण जिनेन्द्र मुनि मसा, राजस्थान सिंहनी उपपर्वतनी महासती चारित्रप्रभा मसा, जिनशासन गौरव मंगलज्योति मसा, रूचिका मसा, राजश्री मसा व प्रक्षा मसा के सानिध्य में कई कार्यक्रम हुए। पावनधाम में स्वागत भवन के उद््घाटन, प्रवचन व पारणा के साथ नवनिर्मित अतिथि भवन की द्वितीय मंजिल व पुस्तकालय भवन की बोलियां भी लगाई गई।


स्वागत भवन का उद्घाटन ः पारणा महोत्सव पर पावनधाम में नवनिर्मित स्वागत भवन का उद्घाटन किया गया। सायरा उपतहसील क्षेत्र के कमोल गांव के बाबूलाल दोशी, रमेश कुमार दोशी, सुभाष कुमार दोशी, मयूर कुमार दोशी, अशोक कुमार दोशी, रूपचन्द मादरेचा, सुखलाल मादरेचा व दिनेश कुमार मादरेचा ने उद्घाटन किया।
मंगलाचरण व ध्वजारोहण ः पावनधाम परिसर में लगाए गए विशाल पाण्डाल में अतिथियों व श्रावक श्राविकाओं को महाश्रमण जिनेन्द्र मुनि म.सा., राजस्थान सिंहनी उपपर्वतनी महासती चारित्रप्रभा म.सा., जिनशासन गौरव मंगलज्योति म.सा, रूचिका म.सा., राजश्री म.सा. व प्रक्षा म.सा. ने अपने प्रवर्चनों से लाभान्वित किया। प्रवर्चन से पूर्व ललित ओरडया की धर्मपत्नि निर्मला ओरडया ने मंगलाचरण ’’गुरू पुष्कर नाम दिपाया‘‘ गाकर की। मंगलाचरण के बाद ढोल के रामचन्द्र मादरेचा, तिलक कुमार मादरेचा व रूपेश मादरेचा ने ध्वजारोहण किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता ढोल के बाबू लाल दोशी ने की। इस दौरान अतिथि के रूप में प्रधान पुष्कर तेली, वरिष्ठ एडवोकेट कमलेश शर्मा, भाजपा के नान्देशमां मण्डल अध्यक्ष लक्ष्मणसिंह झाला, किसान युवा मोर्चा के मण्डल अध्यक्ष नवल सिंह राजपूत को मेवाडी पगडी पहनाकर व शॉल ओढाकर स्वागत किया गया। प्रवर्चन कार्यक्रम में अतिथि व सैकडों श्रावक व श्राविकाएं मौजूद थी।
राजश्री मसा ने कहा कि दूध को गर्म करने के लिए तपेले का आधार चाहिए, तपेले का आधार गर्म होता है तब ही दूध गर्म हो पाता है उसी प्रकार आत्मा को पवित्र करने के लिए शरीर को तपना पडता है। उन्होंने कहा कि त्याग से जीवन उन्नत बनता है। जिससे छूटता है वो रागी कहलाता है और जो छोड देता है वो त्यागी कहलाता है। गौतम बुद्ध ने त्यागा तो उन्हें अक्षय सुख की निधि मिल गई।
प्रवचन के दौरान पूज्य रमेश मुनि ने ट्रस्ट कार्यकारिणी को बधाई देते हुए ४५ वर्षीतप पारणा की अनुमोदना की। महाश्रमण जिनेन्द्र मुनि ने आराधकों की प्रशंशा करते हुए सर्वजन को तप की ओर बढने का संदेश दिया। उप प्रवर्तिनी चारित्रप्रभा मसा, मंगलज्योति मसा, रूचिका मसा और प्रक्षा मसा ने भी प्रवचनों से लाभान्वित किया।
पुस्तकालय की बोली ७ लाख ५१ हजार ः प्रवचन के दौरान महाश्रमण उपपर्वतक जिनेन्द्र मुनि ने अतिथि भवन की द्वितीय मंजिल व पुस्तकालय के लिए बोलियां आरम्भ करवाई। पुस्तकालय के लिए ५ लाख ५५ हजार ५५५ रूपए से बोली आरम्भ की गई। ब्यावर के माणकचंद दुग्गड द्वारा सर्वाधिक ७ लाख ५१ हजार रूपए की बोली लगाई गई। अतिथि भवन की भी बोली लगी।
महोत्सव के दौरान आचार्य देवेन्द्र मूनि व स्व. मांगी लाल ओरडया को किया याद ः पारणा महोत्सव के दौरान आचार्य देवेन्द्र मुनि व स्व. मांगी लाल ओरडया को याद करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की। उल्लेखनीय है कि इस दिन श्रमण संघ के तृतीय पट्धर आचार्य देवेन्द्र मुनि मसा की १९वीं पुण्यतिथि थी, वहीं पावनधाम के लिए सक्रियरूप से कार्य करने वाले स्वर्गीय मांगीलाल ओरडया की ९वीं पुण्यतिथि भी थी। इस मौके पर राजश्री मसा ने स्व. मांगी लाल ओरडया को दशरथ की भांति बताते हुए उनके चारों पुत्रों को दशरथ के पुत्रों के समान बताया।
ट्रस्ट ने किया स्वागत ः इस दौरान श्री पुष्कर तीर्थ पावनधान ट्रस्ट के अध्यक्ष ललित ओरडया (वास), मंत्री सुख लाल मादरेचा (ढोल), कोषाध्यक्ष नाथू लाल चपलोत (सायरा), उपाध्यक्ष रमेश बी दोशी (कमोल), उपाध्यक्ष मीठा लाल सोलंकी (नान्देशमां), सहमंत्री बसंती लाल भोग (जसवंतगढ), भंवर लाल तातेड (गोगुन्दा) ने सभी अतिथियों, आराधकों, आगन्तुकों व श्रावक-श्राविकाओं का स्वागत किया गया।
इन्हें करवाया पारणा ः विकास ज्योति मसा व महिमाश्री मसा ने वर्षीतप किया था वहीं रूचिका मसा ने एकासन वर्षीतप किया। सिंघाडा, सायरा, सेमड, पदराडा, कमोल, ढोल, तरपाल, रावलिया कलां, जसवंतगढ, गोगुन्दा, नान्देशमां, करदा, उदयपुर, डबोक, देबारी व चित्तौड के ३८ आराधकों ने भी वर्षीतप किया। पारणा महोत्वस में सभी ४५ आराधकों को ढोल के रामचन्द्र मादरेचा, तिलक कुमार मादरेचा व रूपेश मादरेचा ने इक्षुरस पिलाकर हर्षोल्लास के साथ पारणा करवाया। आराधकों ने उप प्रवर्तक महाश्रमण जिनेन्द्र मुनि, रमेश मुनि, उप प्रवर्तिनी चारित्रप्रभा म.सा. सहित मुनिजनों को इक्षुरस पिलाकर पारणा किया।


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