-विश्व विरासत के अवसर पर यहां सिटी पैलेस स्थित महाराणा मेवाड चेरिटेबल फाउण्डेशन उदयपुर द्वारा शहर की ऐतिहासिक एवं प्राचीन धरोहर के संवर्द्धन, संरक्षण के उद्देश्य से किए जा रहे विभिन्न कार्यों की जानकारी पर्यटकों को मिलें इस बाबत स्थानीय गाइडों के लिए विशेष कार्यशाला शुक्रवार को आयोजित की गई। कार्यशाला में विषय विशेषज्ञ डॉ. बाशोबी भटनागर ने गाईडों को पर्यटकों की रूचि एवं मनभावना पर जानकारी देने के लिए प्रेरित किया।
महाराणा मेवाड चेरिटेबल फाउण्डेशन उदयपुर के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी भूपेन्द्र सिंह आउवा ने बताया कि विषय विशेषज्ञ डॉ. बाशोबी भटनागर ने गाइडों को विशेष तौर से पर्यटकों की रूचि एवं मन की भावना के अनुसार इतिहास का उल्लेख करने के बारे में बताया। कुछ पर्यटक सौंदर्य, वास्तुकला, स्थापत्य, शिक्षा, युद्ध कौशल में रूचि रखते है। उन्हें उनकी रूचि के मुताबिक उनकी जानकारी दी जानी चाहिए ना कि बतौर किसी पाठ्यक्रम स्वरूप इतिहास की जानकारी थोपी जानी चाहिए। गाइडों को पर्यटकों से इस कदर मेल मिलाप करना चाहिए कि वे जीवन पर्यंत अपनी स्मृति पटल पर इतिहास की बात एवं मेवाड में आने की बात संजोए रखे। श्रीमती भटनागर ने अपने व्याख्यान में ऐसी अनेक रूचिपूर्ण जानकारी गाइडों से साझा की। इस अवसर पर शहर के अनेक गाईड एवं फाउण्डेशन के अधिकारी उपस्थित थे।
इन्होंने लिया भागः शुक्रवार को आयोजित कार्यशाला में दिग्विजय सिंह शक्तावत, धर्मेन्द्र सिंह भाटी, दिनेश टाक, दिनेश गोयल, दिनेश राजपूत, दुर्गादास शक्तावत, फजल मेहमूद शेख, फरीद अहमद, गजराज सिंह चुण्डावत, गिरिराज सिंह राठौड, गोपाल कृष्ण सुखवाल, हंसराज उंठवाल, हंसमुख शर्मा, हरीश सुखवाल, हर्षवर्द्धन सिंह चौहान, हेमंत कुमार चौधरी, हेमंत कुमार श्रीमाली, हुकम सिंह हाडा, इन्द्रपाल सिंह राणावत, जीवन सिंह सोलंकी, जितेन्द्र सिंह राठौड, जितेन्द्र सिंह भाटी, जितेन्द्र सोनी, ज्योतेन्द्र सिंह गौड, कमल सिंह राणावत, अयाज मोहम्मद ने भाग लिया।
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