GMCH STORIES

२६ अगस्त को मीता गायेगी, गौरी करेंगी कत्थक

( Read 8733 Times)

22 Aug 17
Share |
Print This Page
उदयपुर, यहां हवाला गांव स्थित कला परिसर शिल्पग्राम में आगामी २५ व २६ अगस्त को आयोजित शास्त्रीय नृत्य एवं संगीत संध्या ’’मल्हार‘‘ में २६ अगस्त को दिल्ली की मीता पंडित जहां अपने सुरों को माधुर्य बिखेरेंगी वहीं दिल्ली की ही सुविख्यात नृत्यांगना गौरी दिवाकर द्वारा अपने शिष्यों के साथ कत्थक की प्रस्तुति दी जायेगी।
पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र के इस आयोजन के बारे में जानकारी देते हुए केन्द्र निदेशक श्री फुरकान ख्ाान ने बताया कि दो दिवसीय समारोह के दूसरे दिन दिल्ली की मीता पंडित द्वारा गायन प्रस्तुत किया जायेगा। उन्होंने बताया कि भारतीय शास्त्रीय संगीत में ग्वालियर घराने की मीता पंडित एक चमकता हुआ सितारा है। मीता पद्म भषूण पं. कृष्ण शंकर राव पंडित की पौत्री और शिष्या है तथा परिवार में छठवीं व पहली महिला गायिका है। इनकी सुरीली आवाज गायकी और रागों के साथ एक अनूठा तारतम्य बनाती प्रतीत होती है। मीता की गायिकी में एक ठहराव और गहरापन है जो एक अद्भुत शक्ति के साथ एक विस्तृत रेन्ज में अपने सुरों का मिठास छोडती है। संगीत के आयोजनों में टप्पा पहली पसंद है इसके अलावा खयाल, टप्पा शैली में इन्हें महारत हासिल है। मीता तराना, भजन, ठुमरी, सूफी के साथ-साथ मिश्र संगीत को पसंद करती हैं।
सगीत में डॉक्टरेट मीता को हिन्दुस्तानी संगीत में ’’दी गोल्डन वॉइस ऑफ इंडिया‘‘, ’सुरमणी‘, युवा आजस्वीनी, ’’यंग अचीवर ऑफ दी इयर‘‘ के साथ युवा रत्न से पुरस्कृत किया गया है। वर्ष २००७ में संगीत नाटक अकादमी द्वारा इन्हें ’’उस्ताद बिसिमल्लाह खां‘‘ पुरस्कार, २००१५ में युवा रत्न सम्मान, २०१७ में जेपी एवार्ड से नवाजा गया है। म्यूजिक टुडे द्वारा इनके एलबम फुट स्टेप, यंग मास्टरो, अर्पण व तानसेन जारी किये गये हैं।
गायन के उपरान्त दिल्ली की गौरी दिवाकर व उनके शिष्य द्वारा कत्थक की प्रस्तुति दी जायेगी। सौम्य भंगिमाओं तथा ध्यानाकर्षण करने वाली मुख मुद्राओं के साथ मंच पर अपनी सशक्त उपस्थिति दर्ज करवाने वाली गौरी दिवाकर एक बहुमुखी तथा उर्जाशील नृत्यांगना है जिसने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के नृत्य समारोहों में अपना एक अलग स्थान बनाया है। जमशेदपुर से अपने नर्तन की शुरूआत करने वाली गौरी दिवाकर दूरदर्शन तथा आइसीसीआर द्वारा सूचीबद्ध कलाकार हैं। इन्होंने नृत्य की शिक्षा सुश्री सुमीता चौधरी के सानिध्य में प्राप्त की तथा इन्हें दिल्ली स्थित कत्थक केन्द्र में प्रसिद्ध नृत्य गुरू पं. बिरजू महाराज और किशन महाराज का शिष्यत्व प्राप्त हुआ। इसके उपरान्त गौरी से सुश्री अदिति मंगलदास के मार्ग दर्शन से अपनी कला को निखारा। गौरी दिवाकर को कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित किया गया इनमें २००८ में संगीत नाटक अकादमी द्वारा ’उस्ताद बिस्मिल्लाह खां युवा पुरस्कार‘, २०१५ में जयदेव प्रतिभा पुरस्कार, २००२ में श्रृंगार मणी एवार्ड, इलाहाबाद संगीत समिति द्वारा संगीत प्रवीण उपाधि प्रदान की गई। गौरी वर्तमान में अपने न्यास सर्वत्र नृत्यम के माध्यम विद्यार्थियों को नृत्य का प्रशिक्षण दे रही हैं।


Source :
This Article/News is also avaliable in following categories : Udaipur News
Your Comments ! Share Your Openion

You May Like