आदेश बेतुका : छगनदान देथा
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12 Oct 17
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अखिल भारतीय ट्रेड युनियन कांग्रेस (एटक) की राजस्थान राज्य परिषद के उपाध्यक्ष कामरेड छगनदान देथा ने एक प्रेस बयान मे सहायक श्रम आयुक्त बालोतरा के पद पर कार्यरत उपश्रम आयुक्त जोधपुर को हटाकर उपखण्ड अधिकारी बालोतरा को श्रम विभाग बालोतरा का प्रभारी बनाने के श्रम सचिव राजस्थान सरकार के आदेश को बेतुका बगैर सोचे समझे के उठाया गया कदम करार देते हुए उस को तुरन्त प्रभाव से निरस्त करने की मांग की।
कामरेड देथा ने अपने बयान मे कहा कि जब से भवन व अन्य सनिर्माण कर्मकार अधिनियम का भार राज्य सरकार द्वारा श्रम विभाग को सौपा गया है तब से श्रम विभाग अपने मूल कार्य व उदेश्य को भूलकर सही रास्ते से भटक कर अपनी पूरी ताकत, उर्जा एक रूचि भवन व अन्य संनिर्माण कर्मकार अधिनियम पर लगा दी है। का केवल इतना परन्तु भवन एवं अन्य सनिर्माण कर्मकार अधिनियम के बडे बजट को देखते हुए अन्य प्रशासनिक अधिकारियों की रूचि बढ गई है। जिस कारण श्रम विभाग बदनाम होकर तालाबंदी का शिकार हो रहा है। जिस का ज्वलंत उदाहरण जैसलमेर का श्रम विभाग है। जिस का पद भार श्रम अधिकारी क पास न होकर अन्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी के पास था ।
याद रहे कि दिनांक ३०.०९.२०१२ के बाद श्रम विभाग बालोतरा में किसी भी नियमित अधिकारी की नियुक्ति नहीं की गई है। प्रभारी के रूप मे अगर कोई श्रम अधिकारी आया तो उस को तीन-चार महीनों से ज्यादा समय एक टिकने नहीं दिया। जिस कारण श्रम कानूनों के अंतर्गत दर्ज Casses & Claims i नहीं होने के कारण पिडत पक्षकारों को परेशानियो का सामना करना पड रहा है। खास कर दुर्घटनाओ के मृत्यु का शिकार हुए आश्रितो के क्षतिपूर्ति मुआवजो के क्लेमों मे आजीविका कमाने वाले की मृत्यु होने के कारण आश्रितों को अपना व अपने बच्चो का पेट पालना कठीन हो रहा है।
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