गोल्ड कोस्ट. भारत की एमसी मैरीकॉम ने कॉमनवेल्थ गेम्स में महिला मुक्केबाजी में भारत को पहला स्वर्ण दिलाने की ओर मजबूत कदम बढ़ाते हुए बुधवार को महिलाओं के 48 किलो वर्ग में फाइनल में प्रवेश किया जबकि विकास कृष्णन (75 किलो) ने दो अन्य के साथ पुरु ष वर्ग के अंतिम चार में जगह बना ली। पांच बार की विश्व चैंपयन और ओलंपिक कांस्य पदक विजेता मैरीकॉम के यह पहले कॉमनवेल्थ गेम्स हैं। उन्होंने श्रीलंका की अनुषा दिलरुकशी को एकतरफा मुकाबले में 50 से हराया।पुरु ष वर्ग में पदार्पण कर रहे गौरव सोलंकी (52 किग्रा) और मनीष कौशिक (60 किग्रा) और विश्व कांस्य पदकधारी विकास ने सेमीफाइनल में पहुंचकर पदक पक्के किए। इससे कुल आठ पुरु ष मुक्केबाज पदक दौर में पहुंच गए और 2010 की तुलना में यह संख्या में एक ज्यादा है। पैंतीस बरस की मैरीकॉम ने 39 साल की अनुषा को हराया। मैरीकॉम की प्रतिद्वंद्वी अच्छे कद का भी फायदा उठाने में नाकाम रही। आखिरी तीन मिनट में उसने रफ्तार पकड़ी लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। जीत के बाद मैरीकॉम ने कहा ,‘‘मेरी प्रतिद्वंद्वी अच्छी थी और वह मेरी गलती का इंतजार कर रही थी लिहाजा मुझे काफी संभलकर खेलना पड़ा।’अब मैरीकॉम का सामना उत्तरी आयरलैंड की क्रिस्टीना ओ हारा से होगा जिसने न्यूजीलैंड की तस्मीन बेनी को हराया। भारत की एक अन्य अनुभवी एल सरिता देवी 60 किलो वर्ग में आस्ट्रेलिया की अंजा स्ट्राइड्समैन से हार गई। पूर्व विश्व और एशियाई चैंपियन मेजबान मुक्केबाज का सामना नहीं कर सकी। मणिपुर की इस मुक्केबाज ने कहा,‘‘वह बहुत अच्छा खेल रही थी। मैं उसकी ताकत का सामना नहीं कर सकी और अपनी धरती पर खेलने का अतिरिक्त फायदा मिलता है।’पुरु ष वर्ग में सेना के सोलंकी ने पापुआ न्यू गिनी के चार्ल्स कीमा को 5-0 से हराया। उसने कहा,‘‘यह जोखिम भरा मुकाबला था। मेरे रिफ्लैक्सेस बहुत तेज थे और इसी वजह से मैं जीत सका।’ एशियाई खेलों के पूर्व स्वर्ण पदक विजेता विकास ने जाम्बिया के बेनी मुजियो को हराकर सेमीफाइनल में जगह बनाई। विकास ने हाल ही में बुल्गारिया में स्ट्रांजा मेमोरियल टूर्नामेंट में स्वर्ण पदक जीता था। मनीष ने इंलैंड के यूरोपीय चैंपियनशिप कांस्य पदकधारी कैलम फ्रेंच को हराकर सेमीफाइनल में प्रवेश किया और पदक पक्का किया। अब बृहस्पतिवार को आराम के दिन के बाद वह शनिवार को उत्तरी आयरलैंड के जेम्स मैकगवर्न से भिड़ेंगे। हालांकि पिछली बार की कांस्य पदकधारी ¨पकी जांगड़ा (51 किग्रा) इस बार पदक के बिना ही रहेंगी क्योंकि उन्हें क्वार्टर फाइनल बाउट में इंग्लैंड की लिजा वाइटसाइड से हार मिली।
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