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मुख्यमंत्री हैल्पलाईन के प्रकरणों की समीक्षा बैठक

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23 Nov 17
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संसदीय सचिव और सम्पर्क पोर्टल परिवेदना निस्तारण के जिला प्रभारी डा. कैलाश वर्मा ने कहा है कि मुख्यमंत्री हैल्पलाईन जरूरतमंद की मदद करने के लिए एक उपयुक्त प्लेटफार्म है, विभागीय अधिकारी इसकी मूल भावना के अनुरूप भूमिका का निर्वहन करते हुए राज्य सराकर की मंशा को साकार करे।
डा. वर्मा मंगलवार को जयपुर जिला कलेक्ट्रेट सभागार में जिले में सीएम हैल्पलाईन के तहत विभिन्न विभागों के प्रकरणों की प्रगति की समीक्षा के लिए आयोजित बैठक को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि समस्याओं के निस्तारण में गरीब लोगों की मदद के लिए इस प्लेटफार्म का बेहतर तरीके से उपयोग करके देखे, सभी को अच्छा अनुभव होगा।
संसदीय सचिव ने कहा कि मुख्यमंत्री स्वयं सम्पर्क पोर्टल के प्रकरणों पर बराबर नजर रखती है, प्रकरणों के निस्तारण की मॉनिटरिंग करती है और इस बारे में फीडबैक लेती है। अतः विभागीय अधिकारी सम्पर्क पोर्टल के प्रकरणों के समय पर निस्तारण को गम्भीरता से लेते हुए सर्वोच्च प्राथमिकता दे, इसमें किसी प्रकार की कोताही न बरते। उन्होंने अधिकारियों को गांव-गांव तक राज्य सरकार की इस महत्वाकांक्षी पहल के बारे में लोगों को जानकारी देने और इसके फायदों से अवगत कराने के लिए प्रचार-प्रसार के भी निर्देश दिए। साथ ही फ्लेगशिप योजनाओं का लाभ पहुंचाने के लिए सजगता से कार्य करने को कहा।
सेंटर फॉर गुड गवर्नेंस (सीजीजी) के सदस्य सचिव श्री राकेश वर्मा ने विभागवार लम्बित प्रकरणों की समीक्षा करते हुए अधिकारियों से कहा कि सीएम हैल्पलाईन के प्रकरणों का निस्तारण विभागीय अधिकारियों की स्वयं की जिम्मेदारी है, वे इसे अपने अधीनस्थ स्टॉफ के भरोसे न छोड़े। उन्होंने बैठक के दौरान कुछ विभागीय अधिकारियों एवं उपखण्ड अधिकारियों को सम्पर्क पोर्टल को स्वयं ऑपरेट करने को कहा और उनसे प्रकरणों एवं इसके फीचर्स के बारे में जानकारी ली।
श्री वर्मा ने अधिकारियों से कहा कि किसी प्रकरण में कार्यवाही करने के बाद शिकायतकर्ता की संतुष्टि या असंतुष्टि को जाने के लिए सम्बंधित से फोन पर सम्पर्क करे। उन्होंने चुनिंदा प्रकरणों में विभागीय अधिकारियों को बैठक के दौरान ही शिकायतकर्ता से बात करने को भी कहा। उन्होंने जिन अधिकारियों का प्रदर्शन अच्छा था, उनकी हौसलाअफजाई की तथा जिनके कार्य में कमी पाई गई, उनको सुधार की हिदायत भी दीं। उन्होंने सभी उपखण्ड अधिकरियों को निर्देश दिए कि वे अपने मुख्यालय के अलावा ग्राम पंचायतों एवं ग्राम स्तर पर एक जाजम पर ग्रामीणों के बीच बैठकर उनसे संवाद करते हुए जनसुनवाई करे। साथ ही जनसुनवाई में क्षेत्र के विधायकगण एवं अन्य जनप्रतिनिधियों को भी आमंत्रित करे।
जिला कलक्टर श्री सिद्धार्थ महाजन ने जिले में सम्पर्क पोर्टल पर विभागों के बकाया प्रकरणों के सम्बंध में जानकारी देते हुए कहा कि रेंडम चैकिंग द्वारा कुछ ऐसे प्रकरण चिह्नीत किए गए है, जिनमें विभागीय अधिकारी अनावश्यक रूप से टालमटोल कर रहे है। ऐसे प्रकरणों में सम्बंधित अधिकारियों को चार्जशीट दी जाएगी।
बैठक में जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री आलोक रंजन, अतिरिक्त जिला कलक्टर (प्रथम) डॉ. मोहन लाल यादव, अतिरिक्त जिला कलक्टर (तृतीय) डॉ. प्रणीण कुमार, अतिरिक्त जिला कलक्टर (दक्षिण) श्री हरि सिंह मीना के अलावा उपखण्ड अधिकारी, पंचायत समितियों के विकास अधिकारी और विभिन्न विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी मौजूद थे।
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