कटारिया के समर्थन में हुए आयोजन की सभी वर्ग ने की निंदा

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Published on : 04 Dec, 18 08:12

जैन समुदाय के लिए कोई ऐसा काम नहीं किया कटारिया ने जो मील का पत्थर बने बापना

कटारिया के समर्थन में हुए आयोजन की सभी वर्ग ने की निंदा उदयपुर। सकल जैन समाज के रविवार को हुए आयोजन में भारतीय जनता पार्टी प्रत्याशी के पक्ष में स्नेह भोज करने खुला समर्थन मांगने तथा इसे समस्त जैन समुदाय की ओर से भाजपा प्रत्याशी को समर्थन दिए जाने का जैन समाज के अन्य नेताओं ने खुला विरोध किया है और इस आयोजन की भर्त्सना की है।
होटल ड्रीम पैलेस में जैन समुदाय के अगुआ वीरेंद्र बापना, किरण चंद्र लसोडं, कांग्रेस विचारधारा के अजय पोरवाल जनता सेना प्रत्याशी दलपत सुराणा प्रकाश दोषी श्यामलाल सरनोट हेमंत लोढ़ा सहित विभिन्न जैन समुदाय के वरिष्ठ जनों ने पत्रकारों से मुखातिब होते हुए बताया कि सकल जैन समाज के नाम पर व्यक्ति विशेष अपनी दुकान चला रहा है जिससे वह समाज में फूट डालने की कोशिश कर रहा है ।
इस आयोजन में व्यक्ति विशेष के पक्ष में समर्थन का माहौल बनाने का प्रयास समस्त जैन समुदाय के लिए निरर्थक मिथ्या का भ्रामक प्रचार है जबकि जैन समुदाय में भारतीय जनता पार्टी कांग्रेस जनता सेना कम्युनिस्ट सभी वर्ग के प्रबुद्ध जन बुद्धिजीवी लोग शामिल है।
कांग्रेस की ओर से पूर्व पार्षद अजय पोरवाल ने इस आयोजन की खुलकर भर्त्सना की है और इसे एक परिवार विशेष का स्नेह भोज बताया है।
पोरवाल ने कहा कि कांग्रेस का एक बड़ा वर्ग भी जैन समुदाय से ताल्लुक रखता है ऐसे में उन्हें नहीं बुला कर उनका अपमान किया गया है।
पूर्व उपसभापति वीरेंद्र बापना ने भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी गुलाब चंद कटारिया पर खुलकर प्रहार किए ।उन्होंने कहा कि कटारिया जैन समुदाय को हाशिए पर ले आए हैं। उन्होंने समस्त जैन समुदाय के लिए ऐसा एक भी कार्य नहीं किया जिससे मील का पत्थर कहा जा सके। चुनाव में घड़ियाली आंसू बहा कर वह जैन समुदाय को एकत्रित करने का प्रयास करते हैं और चुनाव में अपने प्रति मत और समर्थन मांगते हैं।
बापना ने बताया कि पिछले 40 सालों से कटारिया जैन धर्म के नाम पर जैन समुदाय के लोगों को हाशिए पर डालते रहे हैं । उन्होंने कभी भी समुदाय विशेष में किसी को भी प्रोत्साहित नहीं किया, जो उत्तराधिकारी के रूप में आगे आता वह उसकी राजनीतिक हत्या कर दूसरे वर्ग विशेष के लोगों को प्रोत्साहित कर देते हैं उनका यह गंदे आचरण का प्रतीक है।
कटारिया के गत चुनाव तक प्रबल सहयोगी रहे किरण चंद्र लसोट ने कहा कि आज शुभ केसर गार्डन में समाज की कुछ चुनिंदा लोगों द्वारा गुलाब चंद कटारिया के पक्ष में जो बैठक आयोजित की गई उसकी कड़े शब्दों में निंदा करता हूं क्योंकि जिस तरह से समाज को बांटने का काम किया गया है और कुछ चुनिंदा लोग जो गुलाब चंद कटारिया के प्रबल समर्थक हैं उन्होंने सकल जैन समाज के नाम पर पहले सकल जैन समाज को आमंत्रित किया फिर दूसरी बार दूसरा कार्ड बनाकर उसमें लिखा कि गुलाब चंद कटारिया के समर्थन में ही कार्यक्रम रखा जा रहा है इसलिए आप उन समर्थकों को बुलाया गया है इस तरह से कार्यक्रम आयोजित कर के चुनाव आचार संहिता उसकी धज्जियां उड़ाई गई है ।
इस संबंध में जिला निर्वाचन अधिकारी को भी सूचित किया कि इस तरह से समाज विशेष की बैठक आयोजित धर्म और जाति के नाम पर वोट मांगना कहां तक उचित है। निर्वाचन आयोग को इस के बारे में संज्ञान लेना चाहिए और जो हमारे राज्य के गृह मंत्री हैं जिनको कानून व्यवस्था की पालना करना चाहिए वह खुद विशेष की जाति धर्म के आधार पर लोगों को बहला-फुसलाकर और लोगों को मिलकर जो वोट की अपील कर रहे हैं कड़े शब्दों में निंदा करते हैं ।
आज तक कटारिया ने जैन समाज के लोगों का फायदा लिया है जैन समाज के लोगों को अपना बना कर के उन को बेवकूफ बना करके और राजनीति कर रहे है उनको पता है कि उदयपुर क्षेत्र जैन बाहुल्य क्षेत्र है और उनको लग रहा है इस बार कि मेरी हालत बहुत पतली है और मेरा जीतना बहुत मुश्किल है ।
जैन ने बताया कि इस बार लोगों को मैं भारी रोष है भारी आक्रोश है क्योंकि गुलाबचंद कटारिया ने ऐसा कोई काम नहीं किया शहर के लिए जैन समाज के लिए जिसको जनता उनको याद करें और अच्छा होता कि इस बार वह 75 साल के हो गए हैं और रद्द हो गए हैं चलने फिरने में दिक्कत है पिछले 42 साल से वह राज सुख भोग रहे हैं राजनीति कर रहे हैं वह सेकंड लाइन तैयार करते किसी युवा को किसी योग्य व्यक्ति को जैन समाज के लोग को आगे लाते तो जनता उनका पूरा समर्थन करती और उनका पूरा साथ देती पर वह किसी भी हालत में कुर्सी छोड़ने को तैयार नहीं पद छोड़ने को तैयार नहीं उनको पद से इतना लगाव है कि दूसरे लोगों को बड़ी बातें करते हैं उनकी कथनी और करनी में अंतर है।
बापना ने कहा कि सकल जैन समाज द्वारा आयोजित जो भोजन किया गया जिसमें बताया गया कि यह गुलाब चंद जी कटारा के समर्थन में किया जा रहा है पहले यह निमंत्रण सकल जैन समाज के नाम से था और उसमें किसी नेता का नाम नहीं था कि किसी नेता के पक्ष में आयोजन किया जा रहा है राजनीतिक जैसे लोगों ने अपना वजूद कायम रखने के लिए निमंत्रण कार्ड को बदल दिया और उसमें लिखा किया एक आयोजन किया जा रहा है मैं जानता हूं कितने टुकड़ों में बंटा है और सकल जैन समाज के तथाकथित नेता बड़प्पन रखते और जैन समाज के दलपत सुराणा को बुलाते तो निश्चित समाज के बहुत लोग उपस्थित होते हैं और उनका बुरा नहीं होता लेकिन समाज की एकता का एक प्रदर्शन होता
प्रत्याशी दलपत सुराणा ने कहा की है सकल जैन समुदाय से दो प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे हैं ऐसे में तथाकथित दुकान चला रहे नेता अगर उन्हें भी आमंत्रित करते तो जैन समुदाय का वजूद शक्ति प्रदर्शन के रूप में नजर आता उन्हें नहीं बुलाकर भारतीय जनता पार्टी और स्वयं प्रत्याशी कटारिया ने अपनी हार मान ली है।
सुराणा ने कहा कि जैन समाज में सभी वर्ग के लोग हैं सभी राजनीतिक विचारधारा रखने वाले लोग हैं तो उन्हें चाहिए था कि वह इसका प्रदर्शन करते हैं लेकिन इस आयोजन में कटारिया के समर्थन यह आयोजन करके उन्होंने ओछी मानसिकता का परिचय दिया है



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