पाक विस्थापितों को मिले नागरिकता का अधिकारी- संासद चौधरी

( 2517 बार पढ़ी गयी)
Published on : 20 Jul, 18 10:07

बाडमेर/जैसलमेर| संसद के१६वीं लोकसभा के १५वें एवं मानसुन सत्र में बाडमेर सांसद कर्नल सेानाराम चौधरी ने पाक विस्थापितों का नागरिकता प्रदान करने के मुद्दे को रखते हुए कहा कि पाकिस्तान से धार्मिक उत्पीडन का शिकार होकर आये हजारों हिन्दु षरणार्थी आठ-दस साल से भारत की नागरिकता पाने के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं। वे भारत में आये तो बेहतर जिंदगी की तलाष में है लेकिन ऐसा लग रहा है। यहां उनकी तकलीफों से किसी को कोई सरोकार नहीं है राजस्थान में अंतिम बार २००६-७ मे विस्थापितों को नागरिकता मिली थी। तब से अब तक पडौसी देश पाकिस्तान में हालात खराब ही हुए है। पाक में हिन्दुओं की हालत खराब है। इसलिए हर रविवार केा पाक से आने वाली थार एक्सप्रेस में अपनी जान एवं आबरू केा बचाने हेतु कुछ कपडों एवं बर्तनों के साथ यात्री उतर रहे है। यह लोग अपने रिष्तेदारेां या परिचितों के साथ राजस्थान ही आते है। कमोबेश यही स्थिति गुजरात, मध्यप्रदेष एवं छतीसगढ में भी है। राजस्थान के जोधपुर, अजमेर एवं जयपुर में यदि देखा जाये तो ५००० से ज्यादा पाक शरणार्थी है। जो गत ८-१० वर्षो से भटक रहे है। उनके दर्द का अहसास उनके चहरों से किया जा सकता है। राजस्थान में मुख्य रूप से पाक के सिंध और अपरसिंध प्रान्त के लोग विस्थापित होकर आ रहे हैं। इनमें से ५०प्रतिशत थारपारकर जिले से आये ह जो अमरकोट, मीरपुरखास, मिठ्ठी, दीपकों, चेलार, नगरपारकर, सांगर, नवाबषाह दादु, सखर, हैदराबाद और कराची से हैं। इनमे मुख्य रूप से सोढा राजपुत, सिंधी लोहाणा, पुष्करणा एवं श्रीमाली ब्रहा्रम्ण, माहेष्वरी, राजपुरोहित, जाट, मेधवाल, भील, कोली, केाड, सुथार, दर्जी एवं चारण हैं। इसमें से ८०-९० प्रतिशत मेरे संसदीय क्षेत्र के है और जो विभाजन के बाद रिष्तेदारों के दूर हुए है। ये लोग लान्ग टर्म वीजा पर रह रहे है। इनके दर्द का कोई छोर नहीं है। इनको ना नोकरी मिलती है ना बैंक खाता खुलता है ना ही आवष्यक कार्य हो पा रहे है एक लाचार बैवस की जीन्दगी जी रहे है। २००५- २००७ में १३ हजार षरणार्थियों के दर्द को समझते हुए भारत सरकार ने राजस्थान के पाक विस्थापितों को नागरिकता प्रदान करने हेतु जिला कलक्टरों केा विषेश अधिकार दिये थे। जिससे उनको सम्मान की जिन्दगी जीने का हक मिला था। मैं सदन की जानकारी के लिए बताना चाहता ह कि ये लोग सार्वजनिक पार्को एवं सरकारी भूमि पर अवैध रूप से इन जिलों में स्थाई रूप से निवास कर रहे है। परन्तु खुद की पहिचान के अभाव में जन कल्याणकारी येाजनाओं के लाभ एवं रोजगार के लिए अवसरों से वंचित है।
मुझे प्रसन्नता है कि ख्याति प्राप्त गायक अदनान सामी को महज ७ माह में भारतीय नागरिकता प्रदान की गई है। इसी प्रकार उक्त शरणार्थी जो ९-१०साल से भटक रह है उनको भी नागरिकता प्रदान की जावे। इस संबंध में मेरे द्वारा दिनांक २८.४.२०१७ केा सदन का ध्यान आकर्शित किया था। जिस पर ध्यान देते हुए हाल ही में सरकार द्वारा जिला कलक्टरों केा नगरिकता प्रदान करने हेतु निर्देश दिये गये है। जिसके लिए में गृह मन्त्री जी को धन्यवाद देता ह। परन्तु स्थिति यह है कि बाडमेर में २७४ आवेदनों में से मात्र ५० एवं जैसलमेर में १५०० में से मात्र ११ पाक विस्थापितों का नागरिकता के पात्र माना गया है। राजस्थान सरकार एवं विषेशकर जिला कलक्टर बाडम्ेार एवं जैसलमेर को वंचित पाक विस्थापितों केा नागरिकता प्रदान करने के निर्देष जारी ताकि सालों वे पीडित एवं आशान्वित विस्थापित लोग सम्मान की जिन्दगी जी सके।



साभार :


© CopyRight Pressnote.in | A Avid Web Solutions Venture.