कांस्टेबल भर्ती परीक्षा में सिख युवक पर पगड़ी

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Published on : 20 Jul, 18 09:07

महाविद्यालय की मान्यता निरस्त कर पुलिसकर्मियों को निलंबित करो

 कांस्टेबल भर्ती परीक्षा में सिख युवक पर पगड़ी कोटा(के.डी.अब्बासी)। सीकर में सिख युवक को कांस्टेबल भर्ती परीक्षा देने के लिए पगड़ी, कृपाण तथा कड़ा उतारने का दबाव डालने के मामले में सिख समाज ने गुरूवार को परीक्षा केंद्र रहे महाविद्यालय की मान्यता निरस्त करने तथा वहां मौके पर मौजूद सभी पुलिसकर्मियों को निलंबित करने की मांग की है। इस संबंध में सिख एकता मंच के बैनर तले प्रतिनिधिमंडल ने जिला कलक्टर गौरव गोयल को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन भी सौंपा गया।
सिख एकता मंच के महासचिव जितेंद्र बग्गा ने बताया कि 14 जुलाई को सीकर के श्री कृष्णा सत्संग बालिका महाविद्यालय में परीक्षा देने के लिए दादाबाड़ी गुरूद्वारे के ग्रंथी के बेटे सरदार देवेन्द्र सिंह भी गए थे। देवेन्द्र सिंह के अनुसार वहां मौजद पुलिसकर्मियों और काॅलेज की प्रिंसीपल ने देवेन्द्र को कड़ा, कृपाण और पगड़ी उतारने को कहा। देवेंद्र के इनकार करने पर उन्हें परीक्षा से वंचित कर दिया गया।
बग्गा ने बताया कि इस घटना से सिख समाज में रोष है। इस मामले में सिख एकता मंच के अध्यक्ष गुरपाल सिंह राणा के नेतृत्व में सिख समाज के प्रतिनिधिमंडल ने गुरूवार को जिला क्लकटर गौरव गोयल को ज्ञापन सौंपा। प्रतिनिधिमंडल ने कलक्टर गौरव गोयल को बताया कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 25 तथा इलाहाबाद उच्च न्यायालय का आदेश सिख समाज को अपने धार्मिक प्रतीकों के साथ परीक्षाओं में भाग लेने की अनुमति देता है। देवेंद्र पर पगड़ी, कृपाण तथा कड़ा उतारने का दबाव डालकर काॅलेज की प्रिंसीपल तथा वहां तैनात पुलिसकर्मियों ने भारतीय संविधान तथा उच्च न्यायालय के निर्णय की अवमानना की है।
प्रतिनिधिमंडल ने ज्ञापन में इस पूरे प्रकरण की न्यायिक जांच करवाने, श्री कृष्णा सत्संग बालिका महाविद्यालय, सीकर की मान्यता निरस्त करने, वहां तैनात पुलिसकर्मियों को तत्काल निलंबित करने, देवेंद्र के लिए परीक्षा का विशेष इंतजाम करने तथा भविष्य में होने वाली सभी परीक्षाओं के लिए परीक्षा आयोजक संस्थाआंे व कंसल्टेंसी कंपनियों को किसी भी धर्म की मान्यताओं का अपमान नहीं करने के आदेश देने की मांग की है।
जिला कलक्टर गौरव गोयल ने कहा कि कोटा में भी परीक्षा आयोजित की गई थी, लेकिन यहां इस तरह की कोई परेशानी नहीं आई। धारा 144 के आदेश जारी करते समय भी सिख धर्म के प्रतीकों को लेकर स्पष्ट दिशा-निर्देश दिए जाते हैं। उन्होंने आश्वस्त किया कि सिख समाज की मांगों को राज्य सरकार तक पहंुचाया जाएगा।
प्रतिनिधिमंडल में हरपाल सिंह राणा, दादाबाड़ी गुरूद्वारे के सचिव हरमीत सिंह, तेजेन्द्र पाल सिंह, हरमीत सिंह आनन्द, कुलदीप सिंह, सन्नी, राजन सिंह, प्रभजोत सिंह, नीटू सिंह सोहल, हरविंदर सिंह, हरजीत सिंह आदि शामिल थे।

अल्पसंख्यक आयोग तय करवाएगा ड्रेस कोड
सिख एकता मंच के महासचिव जितेंद्र बग्गा ने घटनाक्रम की जानकारी फोन पर राज्य अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष सरदार जसबीर सिंह को भी दी। जसबीर सिंह ने कहा कि इस तरह की शिकायतें लगातार आ रही हैं जिसमें परीक्षार्थियों की धार्मिक भावनाएं तो आहत होती ही हैं उनका भविष्य भी दांव पर लग जाता है। उन्होंने कहा कि वे इस मामले में गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया से चर्चा कर ड्रेस कोड के आदेश जारी करवाएंगे जो सभी परीक्षाओं पर लागू होंगे। उन्होंने देवेद्र सिंह के मामले की लिखित जानकारी भी भेजने के निर्देश दिए ताकि प्रसंज्ञान लेकर उस पर कार्यवाही की जा सके।

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