सैकंड ग्रेड के चयनित शिक्षकों को झटका

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Published on : 19 Jul, 18 07:07

सैकंड ग्रेड के चयनित शिक्षकों को झटका। दोबारा निकलेगा परिणाम

सैकंड ग्रेड के चयनित शिक्षकों को झटका सैकंड ग्रेड के सात हजार चयनित शिक्षक अभ्यर्थियों को 17 जुलाई को जयपुर हाईकोर्ट से तगड़ा झटका लगा है। जस्टिस मनीष भंडारी और जस्टिस सोमानी की खंडपीठ ने राजस्थान लोक सेवा आयोग की अपील को खारिज करते हुए दोबारा से परिणाम निकालने के आदेश दिए हैं। कोर्ट ने इस बात पर नाराजगी जताई कि आयोग पूरी तैयारी के साथ परीक्षा का परिणाम जारी नहीं करता है। कोर्ट ने पूछा कि आयोग के अध्यक्ष कहां हंै? इस पर आयोग के वकील नितिन जैन ने कहा कि अध्यक्ष का पद खाली पड़ा है। हालांकि अदालत में सरकार के अतिरिक्त महाधिवक्ता एससी गुप्ता ने कहा कि सैकंड ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा 2016 के 9 हजार सफल अभ्यर्थियों में से 2 हजार को तो नियुक्ति मिल गई है, जबकि शेष 7 हजार सफल अभ्यर्थियों की सूची आयोग ने शिक्षा विभाग के निदेशालय को भेज दी है। ऐसे में सात हजार अभ्यर्थी नियुक्ति का इंतजार कर रहे हैं। लेकिन कोर्ट ने सरकार और आयोग के सभी तर्कों को खारिज करते हुए कहा कि हम एक भी अभ्यर्थी के साथ अन्याय नहीं होने देंगे। दोनों न्यायाधीशों ने कहा कि प्रश्न पत्रों की जांच और उत्तर के लिए एक एक्सपर्ट कमेटी बनाई जाए और फिर उसी आधार पर अभ्यर्थियों को अंक दिए जाए। इसके बाद संशोधित परिणाम निकाला जावे। उल्लेखनीय है कि अभ्यर्थी अनिल जैन और एक अन्य ने अदालत के समक्ष पांच ऐसे प्रश्न पत्र रखे जिनका उत्तर आयोग ने गलत माना और उसी आधार पर अभ्यर्थियों को अंक दे दिए। याचिकाकर्ताओं का कहना रहा कि सही उत्तर के बजाए गलत उत्तर मानने से हम जैसे अभ्यर्थियों का अहित हुआ है। कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं के इस तर्क को स्वीकार किया और आयोग की अपील खारिज कर दी।
सरकार जिम्मेदारः
राजस्थान बेरोजगार एकीकृत्र संघ के प्रदेश अध्यक्ष उपेन यादव ने कोर्ट के फैसले पर टिप्पणी करते हुए कहा कि इसके लिए राज्य सरकार जिम्मेदार है। प्रदेश के शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी आए दिन शिक्षकों की भर्ती का दावा करते हैं। जबकि हकीकत ये है कि अधिकांश भर्तियां आयोग और अदालतों में अटकी पड़ी है। सरकार ने सैकंड ग्रेड भर्ती परीक्षा में भी अदालत में गंभीरता नहीं दिखाई। सरकार को अभ्यर्थियों के हित में जो प्रयास करने चाहिए थे वे नहीं किए गए। उन्होंने सवाल उठाया कि आयोग उन शिक्षाविदों के खिलाफ कार्यवाही क्यों नहीं करता जिनकी वजह से अभ्यर्थियों को परेशान उठानी पड़ती है। यादव ने कहा कि अभ्यर्थियों की समस्याओं को लेकर जल्द ही प्रदेशभर में सरकार के खिलाफ आंदोलन शुरू किया जाएगा।
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