विवादों का निपटारा समझाईश वार्ता

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Published on : 16 Jul, 18 11:07

विवादों का निपटारा समझाईश  वार्ता प्रतापगढ| के माध्यम से किये जाने हेतु राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अध्यक्ष राजेन्द्र कुमार शर्मा (जिला एवं सेशन न्यायाधीश, प्रतापगढ) के कुशल मार्गदर्शन में आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत में प्रतापगढ जिल में स्थित न्यायालयों में लम्बे समय से लम्बित चले आ रहे कईं मामलों में समझाईश एवं सुलह कराते हुए निस्तारण किया गया।
आज प्रातः १०ः०० बजे से ही ए.डी.आर सेन्टर में पक्षकारगण की रेलमपेल शुरू हो गई। प्राधिकरण के पूर्व प्रयासों एवं प्रचार प्रसार के फलस्वरूप राष्ट्रीय लोक अदालत के प्रति लोगों में खासा उत्साह देखा गया।
प्राधिकरण के पूर्णकालिक सचिव ने जानकारी दी कि विवादों का राजीनामा से निपटाने हेतु राश्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन बैंच गठन करते हुए किया गया। जिसमें बैंच प्रथम में अध्यक्ष राजेन्द्र कुमार शर्मा, जिला एवं सेशन न्यायाधीश के साथ सदस्य ए०के० पिछोलिया एवं देवेन्द्र अहिवासी, बैंच द्वितीय में अध्यक्ष श्रीमती आशा कुमारी न्यायाधीश पारिवारिक न्यायालय के साथ सदस्य सुश्री कला आर्य, बैंच तृतीय में अध्यक्ष श्रीमती रेखा राठौड न्यायाधीश मोटरवाहन दूर्घटना अधिकरण के साथ सदस्य सुश्री विजयलक्ष्मी आर्य, बैंच चतुर्थ में अध्यक्ष अमित सहलोत विशिष्ठ न्यायाधीश, अजा/अजजा (अनिप्र) के साथ सदस्य गोपाल टांक, बैंच पंचम में अध्यक्ष विरेन्द्र कुमार मीणा मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के साथ सदस्य कमलसिंह सिसोदिया एवं बैंच षष्ठम् में अध्यक्ष श्रीमती कुमकुमसिंह अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अरनोद मुख्यालय प्रतापगढ के साथ सदस्य तेजपाल सिंह राठौड के द्वारा आयोजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। मामलों के त्वरित निस्तारण हेतु उक्त सभी बैंचों में अध्यक्ष एवं सदस्यगणों ने उपस्थित पक्षकारान के मध्य आपसी सुलह एवं समझाईशवार्ता का भरसक प्रयास किया, जिसके फलस्वरूप अनेक महत्वपूर्ण मामलों का निस्तारण संभव हो पाया। मामलों के निस्तारण में आम जन ने भी लोक अदालत की भावना का सम्मान करते हुए अपनी विशेष रूचि दिखाई।

न्याय सभी के लिये के ध्येय को ध्यान में रखते हुए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान में आयोजित राश्ट्रीय लोक अदालत में न्यायालय मोटर वाहन दूर्घटना अधिकरण के लंबित ३१ मामले निस्तारित करते हुए कुल ६८ लाख ७५ हजार रूपये के राजीनामा तय हुए। साथ ही बैंक ऋण वसूली प्रि-लिटीगेशन के कुल ३४ मामले निस्तारित करते हुए कुल रूपया ३० लाख ३८ हजार के राजीनामों पर लोक अदालत की मुहर लगी।
जिला स्थाई लोक अदालत में लंबित प्रकरणों पर सुनवाई करते हुए आपसी समझाईशवार्ता के जरिये कुल १७ मामलों का निस्तारण किया गया। इसी अवसर पर पारिवारिक न्यायालय में लंबित प्रकरणों में समझाईशवार्ता के जरिये कुल तीन प्रकरण जिनमें सेक्शन ९ के अन्तर्गत २ मामले एवं पारिवारिक वाद अन्तर्गत धारा १२५ के तहत ०१ मामले में समझाईशवार्ता कर दम्पत्ती में सुलह करवाई गई। फलस्वरूप मामलों का निस्तारण हुआ और तीनों दम्पति राजी-खुशी एक दूसरे को माला पहनाकर साथ दाम्पत्य जीवन निर्वहन हेतु एडीआर सेन्टर से रवाना हुए। दम्पतियों ने प्राधिकरण एवं राष्ट्रीय लोक अदालत बैंच का तहे दिल से शुकि्रया अदा किया।
इस अवसर पर प्राधिकरण स्टॉफ हितेश वैष्णव, अलीमुद्दीन कुरैशी, दिलीप शर्मा एवं उपस्थित सभी न्यायिक कर्मचारिगण ने राष्ट्रीय लोक अदालत को सफल बनाने में अपनी महती भूमिका का निर्वहन किया।
प्राधिकरण के पूर्णकालिक सचिव विक्रम सांखला ने लोक अदालत में पधारे अधिवक्तागण, बैंक अधिकारीगण, विभिन्न विभागों के अधिकारिगण एवं पक्षकारान का हृदय से आभार व्यक्त किया।

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