डॉ. भानावत को कन्हैयालाल सेठिया सम्मान

( 7870 बार पढ़ी गयी)
Published on : 10 Jul, 18 11:07

डॉ. भानावत को कन्हैयालाल सेठिया सम्मान उदयपुर। साहित्य, संस्कृति एवं कला के क्षेत्र में अपरिमित तथा अति उल्लेखनीय योगदान के फलस्वरूप प्रसिद्ध लोककलाविद् डॉ. महेन्द्र भानावत को सुप्रतिष्ठित कन्हैयालाल सेठिया सम्मान से नवाजा जाएगा। कोलकाता के विचार मंच के सचिव सुविज्ञ समाजसेवी सरदारमल कांकरिया ने बताया कि 16 दिसम्बर 2॰18 को वहां के ज्ञानमंच पर आयोजित एक भव्य समारोह में डॉ. भानावत को इस सम्मान के अन्तर्गत इक्यावन हजार रूपयों की सम्मान राशि, स्मृति चिन्ह एवं सम्मान पत्र प्रदान किया जाएगा।
डॉ. भानावत उदयपुर के सुखाडिया विश्वविद्यालय से पहले बैच के पीएच.डी. धारक हैं जिन्होंने राजस्थानी लोकनाट्य परंपरा में मेवाड का गवरी नाट्य और उसका साहित्य विषय पर सन् 1968 में यह उपाधि प्राप्त की।
उल्लेखनीय है कि डॉ. भानावत की लोकसाहित्य, संस्कृति एवं कला विषयक एक सौ पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। इनके द्वारा संपादित रंगायन, लोककला, शोध पत्रिका, पीछोला, रंगयोग तथा ट्राईब नामक पत्रिकाएं शोधार्थियों के लिए बडी उपयोगी सिद्ध हुई हैं। डॉ. भानावत ने लंबे समय तक मुंबई के जनसत्ता, इंदौर के चौथा संसार, जोधपुर के जलते दीप, उदयपुर के दैनिक भास्कर तथा जय राजस्थान में स्तंभ लेखन किया। इन्हें अब तक महाराणा मेवाड फाउंडेशन द्वारा महाराणा सज्जनसिंह पुरस्कार, राजस्थान संगीत नाटक अकादमी द्वारा फेलो, हिंदी साहित्य सम्मेलन प्रयाग द्वारा साहित्य वारिधि, उत्तरप्रदेश हिंदी संस्थान द्वारा पं. रामनरेश त्रिपाठी, भोपाल की मधुवन संस्था द्वारा श्रेष्ठकला आचार्य, प्रसंग नर्मदा, छतरपुर द्वारा लोकसंस्कृति रत्न अलंकरण, श्री द्वारका सेवा-निधि, जयपुर द्वारा एडोल्फ-माग्दालेना हैनी सम्मान।, सृजन मंच, बडी द्वारा स्वर्ण पदक, लोकसंस्कृति शोध संस्थान, चुरू द्वारा झवेरचंद मेघाणी स्मृति स्वर्ण पदक जैसे और कई पुरस्कारों-सम्मानों से नवाजा गया है। इसके अलावा देश-विदेश की लगभग 5॰॰ पत्र-पत्रिकाओं में उनके 9॰॰॰ से अधिक आलेख उनके लेखन-गौरव में वृद्धि करते हैं।

साभार :


© CopyRight Pressnote.in | A Avid Web Solutions Venture.