त्रयोदश कल्याण महाकुंभ का मुख्य समारोह

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Published on : 23 Jun, 18 10:06

नीमच | मेवाड के प्रसिद्ध श्री शेषावतार कल्लाजी वेदपीठ का त्रयोदश कल्याण महाकुंभ का मुख्य समारोह आषाढ प्रतिपदा से अष्टमी तक यानि २९ जून तक ६ जुलाई तक मेवाड और मालवा के संधि स्थल कल्याण नगरी निम्बाहेडा में आयोजित होगा जिसके तहत् आध्यात्मिक कल्याण पदयात्रा सम्पन्न हो चुकी है जिसने भीषण गर्मी के बावजूद हजारों पदयात्रियों की मौजूदगी ने निम्बाहेडा से लेकर चित्तौडगढ तक के लोगों को महाकुंभ के अनुष्ठान में अधिकाधिक भागीदारी के लिए प्रेरित किया। वेदपीठ के न्यासियों ने बताया कि इस वर्ष का महाकुंभ भगवान वासुदेव को समर्पित होगा जिसके तहत् श्रीमद् भागवत कथा, १०८ पारायण, वासुदेव महायज्ञ सहित कई अनुष्ठान होंगे।

विशाल, अनूठी एवं अद्भूत कलशोत्सव एवं शोभायात्रा २९ को
महाकुंभ के प्रथम दिन कल्याणनगरी में दशहरा मैदान स्थित प्राचीन शिवालय ढाबेश्वर महादेव मंदिर से विशाल, अनूठी एंव अद्भूत कलशोत्सव एवं शोभायात्रा प्रारंभ होकर नगर के विभिन्न मार्गो से होते हुए वेदपीठ पहुंचेगी जिसमें ४०० से अधिक प्रभातफेरियां, हाथी, घोडे, ऊंट, झांकिया, पंजाब का आर्मी बैण्ड, मानव रहित विमान से पुष्प वर्षा सहित कई आकर्षण होंगे।

श्रीमद् भागवत महोत्सव ३०
न्यासियों ने बताया कि श्री कल्लाजी वैदिक विश्वविद्यालय के स्थापनार्थ इस बार श्रीमद् भागवत महोत्सव का दिव्य अनुष्ठान किया जा रहा है जिसमें देश के विभिन्न क्षेत्रों से बडी संख्या में आने वाले लोगों के कारण यह महाकुंभ लक्खी मेले को प्रकट करेगा। महाकुंभ के दौरान श्रीमद भागवत महोत्सव ३० जून से ६ जुलाई तक अपरान्ह ३ से सायं ७ बजे के बीच होगा जिसमें भागवत मर्मज्ञ संत शिरोमणी आचार्य रामानुज महाराज के श्रीमुख से निसृत भागवत मंदागिनी का भक्तो को अमृतपान कराया जायेगा। इसके साथ ही अष्टोत्तरशत् भागवत पारायण भी किये जायेंगे जिसके लिए यजमानों की बढती संख्या के अनुरूप १२१ पारायण भी संभावित है।

शालिग्राम संग तुलसी विवाह ५ को
मेवाड संभाग में प्रथम बार वेदपीठ की ओर से महाकुंभ के पावन अवसर पर आषाढ कृष्णा सप्तमी गुरूवार ५ जुलाई को १०८ शालिग्राम संग तुलसी का भव्य विवाह महोत्सव आयोजित किया जायेगा।

५१ कुण्डीय वासुदेव महायज्ञ २ से
महाकुंभ के पावन अवसर पर ५ दिवसीय ५१ कुण्डीय श्रीवासुदेव महायज्ञ आषाढ कृष्णा चतुर्थी से अष्टमी तक आयोजित किया जायेगा जिसके लिए अब तक १५०० यजमानों का पंजीयन किया जा चुका है।

ध्वजारोहण, महाआरती, दिव्यदर्शन ६ को
महाकुंभ के अंतिम दिन आषाढ कृष्णा अष्टमी को वासुदेव महायज्ञ की पुर्णाहूति के साथ मातृ पितृ पूजन किया जायेगा वहीं मंदिर पर ध्वजारोहण, महाआरती, प्राकट्योत्सव एवं दिव्यदर्शन के कार्यक्रम में देश के विभिन्न क्षेत्रों से हजारो श्रद्धालु भाग लेंगे। प्रतिनिधियों ने बताया कि प्रतिदिन रात्रि में संगीतमय भजन संध्या के आयोजन होंगे।

अब तक १२ करोड जाप पूर्ण
इस वर्ष का महाकुंभ भगवान वासुदेव को समर्पित करते हुए ओम नमोः भगवते वासुदेवाय के १२ करोड जाप का लक्ष्य लिया गया था जिसकी पूर्णता में वेदपीठ के आचार्य, बटूको व कल्याण भक्तों के अनुकरणीय योगदान के फलस्वरूप लिया गय लक्ष्य अर्जित कर लिया गया है। वहीं कल्याणनगरी, शंभुपूरा एवं चित्तौडगढ के विभिन्न मंदिरो से जुडे लोगों व धार्मिक संगठनों की ओर से लगभग १ करोड से अधिक जाप किये जा चुके है।

आषाढ में होगा दीपावली का नजारा
महाकुंभ के दौरान संपूर्ण कल्याण नगरी में लोग पूरी श्रद्धा और उत्साह के साथ विद्युत रोशनी, सजावट करते हुए अपने घर आंगन में रंगोली सजाकर यहां आने वाले लोगों को आषाढ में दीपावली के नजारे की अनुभूति करायेंगे।

त्रिविध उपासना का प्रतीक बना श्री कल्लाजी वेदपीठ
मेवाड के प्रसिद्ध श्री शेषावतार कल्लाजी वेदपीठ के प्रति न केवल मेवाड वरन दूर दराज के क्षेत्रों में भी कल्याण भक्तों में गहरी आस्था है जिसके फलस्वरूप यहां प्रतिवर्ष लाखों लोग दर्शनार्थ आते है, वहीं कल्याण महाकुंभ के दौरान वेदपीठ त्रिविध उपासना का प्रतीक बन जाता है जिसके तहत इस वर्ष भी त्रयोदश कल्याण महाकुंभ से पूर्व विविध धार्मिक अनुष्ठान किये जा रहे है। वेदपीठ के न्यासियों ने बताया कि इसी श्रृंखला में सिंधी और सिख समाज द्वारा २२ से २४ जून तक ३ दिवसीय अखण्ड गुरूग्रंथ साहिब का पाठ किया जा रहा है जिसके समापन पर कणहा प्रसाद वितरण होगा। उन्होनें बताया कि २५ जून को सकल जैन समाज की ओर से कल्याण महाकुंभ की भव्य सफलता की कामना के साथ सामुहिक नवकार मंत्रजाप किये जायेंगे। दूसरी ओर ओम नमो भगवते वासुदेवाय के जाप के साथ वैदिक मंत्रोच्चार से वेदपीठ परिसर गुंजायमान रहेगा। उन्होनें बताया कि २६ जून को कल्याण नगरी के समस्त १३५ देवालयों में वेदपीठ की ओर से महाकुंभ के आमंत्रण स्वरूप अक्षत, पुष्प, सुपारी भेंट कर दीप प्रज्जवलन के साथ समस्त देवताओं को महाकुंभ में भागीदारी का भावभरा आमंत्रण देकर संबंधित पुजारियों एवं भक्तों को भी आमंत्रित किया जायेगा। इसी कडी में २८ जून की संध्या वेला में महाकुंभ के नगर जागरण की भावना से विशाल वाहन रैली वेदपीठ से प्रारंभ होकर नगर के सभी गली मोहल्लों में होते हुए पुनः वेदपीठ परिसर में सम्पन्न होगी।
वेदपीठ परिसर निरूपित होगा आनंदवन
त्रयोदश कल्याण महाकुंभ के दौरान समूचा वेदपीठ परिसर आनंदवन परिसर के रूप में निरूपित किया गया है जहां २९ जून से ६ जुलाई तक विविध अनुष्ठानों से आनंद वर्षा की अनुभूति होगी। प्रवक्ता ने बताया कि अष्ठोत्तरशत् भागवत पारायण स्थल को श्रीमद् भागवत महापुराण के रचियता वेदव्यासजी की कुटिया के नाम के अनुरूप शम्याप्रास, कथा स्थल को बद्रीकाश्रम तथा ५१ कुण्डीय यज्ञशाला को पद्मयज्ञ शाला नाम से विभुषित किया गया है।
महाकुंभ के दौरान २९ जून को नगर में विशाल, अनुठी, अद्भूत कलशोत्सव एवं शोभायात्रा दशहरे मैदान स्थित प्राचीन शिवालय ढाबेश्वर महादेव से वेदपीठ तक निकाली जायेगी, वहीं ३० जून से ६ जुलाई तक अपरान्ह ३ से ७ बजे तक भागवत ममर्ज्ञ आचार्य श्री रामानुजजी के श्रीमुख से निसृत भागवत मंदाकिनी का ज्ञानामृतपान कराया जायेगा।


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