सुरक्षित भेड़ निष्क्रमण सुनिश्चित करें-एडीएम

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Published on : 21 Jun, 18 09:06

स्थानीय निवासियों एवं भेड पालकों में न हो टकराव

सुरक्षित भेड़ निष्क्रमण सुनिश्चित करें-एडीएम उदयपुर | जून माह के अंतिम सप्ताह से भेड़ निष्क्रमण व नियमन गतिविधियांे की संभावना को देखते हुए भेड़ पालकों को आवश्यक सुविधाए उपलब्ध कराने को लेकर बुधवार को अतिरिक्त जिला कलक्टर सी.आर.देवासी की अध्यक्षता में कलक्टर सभागार में बैठक आयोजित हुई।

बैठक में भेड़ निष्क्रमण के दौरान भेड़ एवं भेड़ पालकों के उचित रख-रखाव एवं आवश्यक सुविधाओं को लेकर संबंधित विभागों को दिशा निर्देश दिये गये। श्री देवासी ने भेड़ो का समय पर टीकाकरण, रोगी भेड़ो का नजदीकी पशुचिकित्सालय में ईलाज आदि को लेकर चिकित्सा विभाग को निर्देश दिये। उन्होंने निष्क्रमण मार्ग पर कानून व्यवस्था एवं शांति के लिए सभी के सहयोग को अपेक्षित बताया। उन्होंने भेड़ निष्क्रमण निर्धारित मार्ग से ही कराये जाने को लेकर संबंधित विभागों को निर्देशित किया तथा निर्धारित मार्ग छोड़ने पर प्रशासन व पुलिस विभाग को अविलम्ब सूचित करने की बात कही।

भेड़ निष्क्रमण के लिए नियंत्रण कक्ष

पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. ललित जोशी ने बताया कि भेड़ निष्क्रमण कार्य के लिए चेक पोस्ट अनुसार विभागीय नियंत्रण कक्ष बनाये गये है इनमें स्थायी चेक पोस्ट सलूम्बर (गणेशघाटी), झाड़ोल (फ) व देवला चौराहा तथा अस्थायी चेक पोस्ट जसवन्तगढ. व झामर कोटड़ा तथा अतिरिक्त चेक पोस्ट झल्लारा (नवीन पीएससी के सामने आसपुर पुलिया), जयसमन्द, केवड़ा की नाल व डाकन कोटड़ा में नियंत्रण कक्ष कार्यरत रहेगा।

भेड़पालकों का राशन उपलब्ध कराने बाबत जिला रसद अधिकारियों को आवश्यक कार्यवाही बाबत कहा गया। फील्ड में पदस्थापित वन विभाग, राजस्व विभाग एवं पुलिस विभाग के कार्मिक विशेष सतर्कता एवं निगरानी के लिए संबंधित उप जिला मजिस्ट्रेट्स, उपवन सरंक्षक, जिला वन अधिकारी, तहसीलदार को आपस में समन्वय बनाये रखते हुए कानून व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा गया।

सभी स्थानों पर बीट सिस्टम को एक्टिव करने और सभी विभागों के कार्मिक एवं अधिकारियों को सयंुक्त रूप से भेड़पालकों से मिलकर और उनकी समस्याओं का नियमानुसार निस्तारण करने के निर्देश दिए। पुलिस विभाग के अधिकारियों को सम्बन्धित एसएचओ एवं जिला अन्य सम्बन्धित प्रशासनिक अधिकारियों को निर्धारित मार्गों एवं की गई व्यवस्थाओं का निरीक्षण एवं जायजा लिये जाने हेतु निर्दिष्ट किया एवं वन विभाग से समन्वय बनाये रखने हेतु कहा गया।

टकराव को टाले

श्री देवासी ने संबंधित विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे स्थानीय निवासियों व भेड़पालकों के बीच होने वाले किसी भी टकराव को यथासंभव टाले। इस हेतु यह सुनिश्चित किया जाए कि भेड़पालक अपने निर्धारित मार्ग को न छोड़े, गांवों में न घुसे, चरागाह एवं वन भूमि में भेड़ों को न घुसने दें एवं एक ही स्थान पर लम्बे समय तक ठहराव न करें।

ईसवाल-गोगुन्दा के बीच विशेष सावधानी बरतें

राष्ट्रीय राजमार्ग पर ईसवाल व गोगुन्दा के बीच एक स्थान पर यातायात को लेकर विशेष सावधानी बरतने के निर्देश पुलिस विभाग को दिए गए। यहां पर दुर्गम घाटी होने से वाहनों की चपेट में आकर भेंड़ों के मरने की संभावना बनी रहती है। एडीएम ने पशुपालन विभाग को निर्देश दिए कि दुर्घटना में भेड़ या भेड़पालकों की मृत्यु होनंे की स्थिति में मुख्यमंत्री सहायता कोष से सहायता प्रदान कराने हेतु प्रकरण बनाकर शीघ्रता से भेजे जाए।

भेड़पालकों को ठहराव के दौरान निर्धारित स्थानों पर प्रशासन की ओर से आवास हेतु तिरपाल प्रदान करने की व्यवस्था कराये जाने हेतु आग्रह किया गया। बैठक के दौरान चिकित्सा विभाग को भेड़ निष्क्रमण दौरान मोबाईल वेन मय चिकित्सक द्वारा मौके पर जाकर भेडपालकों एवं उनके परिवार को चिकित्सा उपलब्ध कराने हेतु निर्देशित किया और सम्बन्धित क्षेत्र में सुचारू व्यवस्था करने के निर्देश दिये। साथ ही उनके बच्चो के टीकाकरण की व्यवस्था हेतु भी निर्देशित किया गया।
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