मानवाधिकार परिषद से अलग हुआ अमेरिका

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Published on : 21 Jun, 18 08:06

इस्रइल के साथ भेदभाव का आरोप लगाया

अमेरिका ने आज खुद को संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद से अलग करते हुए संगठन के सदस्यों के पाखंड के लिए उनकी आलोचना की और इस्रइल के खिलाफ बेहद कठोरता से भेदभाव बरतने का आरोप लगाया। संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की राजदूत निक्की हेली ने वा¨शगटन में विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ के साथ मिलकर यह घोषणा की। हालांकि, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शीर्ष राजनयिक पोम्पिओ और हेली दोनों ने इस पर जोर दिया कि अमेरिका मानवाधिकारों की वकालत करने में सबसे आगे रहेगा लेकिन बहुत सारे लोगों के लिए यह नियंतण्र संगठन और बहुपक्षीय कूटनीति के प्रति ट्रंप के द्वेष को दर्शाने वाला फैसला होगा। हेली द्वारा इस घोषणा से पहले संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के एक शीर्ष अधिकारी ने अमेरिका-मेक्सिको सीमा पर आव्रजकों को उनके बच्चों से अलग करने की अमेरिकी नीति की आलोचना की थी। हालांकि, हेली और पोम्पिओ का कहना है कि लंबे वक्त तक परिषद में सुधार और मानवाधिकारों का उल्लंघन करने वाले राष्ट्रों की सदस्यता खत्म करने के प्रयासों के बाद अमेरिका ने यह फैसला लिया है। हेली ने कहा, परिषद को मानवाधिकारों के प्रति गंभीर बनाने के लिए यह सुधार आवश्यक हैं। उन्होंने कहा, लंबे समय से मानवाधिकार परिषद मानवाधिकारों का उल्लंघन करने वालों का संरक्षक रहा है और राजनीतिक भेदभाव का गढ़ बना रहा है। दुख की बात है कि अब यह स्पष्ट हो गया है कि सुधार की हमारी अपील नहीं सुनी जा रही है।
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