असहनशीलता की नीति’ का असर देश की अर्थव्यवस्था पर पड़ा

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Published on : 19 Jun, 18 14:06

कांग्रेस ने सोमवार को आरोप लगाया कि मोदी सरकार की ‘‘असहनशीलता की नीति’ का असर देश की अर्थव्यवस्था पर भी पड़ा है और यह पिछले चार साल से लगातार खराब हो रही है। कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने कहा कि मोदी सरकार के चार साल के दौरान देश में साम्प्रदायिक सौहार्द बिगड़ा है और असहनशीलता बढ़ी है, जिसका असर अर्थ व्यवस्था पर भी हुआ है । उन्होंने दावा किया कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार के शासन के दौरान मोदी सरकार की तुलना में अर्थ व्यवस्था बेहतर थी और 2009 से 2014 के दौरान सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) दर 7.5 प्रतिशत थी जबकि वर्तमान सरकार के दौरान यह 7.1 प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने 2015 में जीडीपी दर निर्धारित करने के मापदंड में बदलाव किया और परम्परा के अनुसार उसके पहले के अर्थव्यवस्था के आकड़ों को सार्वजनिक नहीं किया । उन्होंने दावा किया कि उन आकड़ों को सार्वजनिक किया जाता तो यह साबित हो जाता कि मनमोहन सरकार के दौरान अर्थ व्यवस्था बेहतर स्थिति में थी। कांग्रेस नेता ने कहा कि नीति आयोग की संचालन परिषद की बैठक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि भारतीय अर्थ व्यवस्था 50 खरब डालर की दहलीज पर खड़ी है और जीडीपी वृद्धि दर दहाई अंक की ओर अग्रसर है । उन्होंने कहा कि ऐसा हम भी चाहते हैं, लेकिन देश का वित्त मंत्री कौन है, इस पर ही सवाल उठ रहा है। प्रधानमंत्री कार्यालय की वेबसाइट पर वित्त मंत्री कोई और है और वित्त मंत्रालय की साइट पर कोई और । ऐसे में अर्थ व्यवस्था का अंदाजा लगाया जा सकता है । तिवारी ने कहा कि देश का चालू खाता घाटा बढ़ रहा है जो बेहद गंभीर स्थिति है । अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं ने इस पर सवाल उठाए हैं और कहा है कि इसे पाटने का देश में साधन नहीं है। वैसे भी इस घाटे का अर्थ व्यवस्था पर दूरगामी प्रभाव होगा ।
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