भारतीय ग्राहक ऑनलाइन वित्तीय धोखाधड़ी का शिकार

( 8433 बार पढ़ी गयी)
Published on : 19 Jun, 18 11:06

मुंबई । भारतीय अब डिजिटल रूप से अधिक सक्रिय होते जा रहे हैं और इसके साथ ही उनके साथ वित्तीय धोखाधड़ी का जोखिम भी बढ़ रहा है। एक रिपोर्ट में कहा गया है कि चार में से एक भारतीय ग्राहक ऑनलाइन वित्तीय धोखाधड़ी का शिकार बनता है।नियंतण्र वित्तीय सूचना कंपनी एक्सपेरियन की रिपोर्ट में कहा गया है कि 24 प्रतिशत भारतीय ऑनलाइन लेन-देन में सीधे धोखाधड़ी का शिकार बने हैं। दूरसंचार क्षेत्र को सबसे अधिक 57 प्रतिशत ऑनलाइन धोखाधड़ी का सामना करना पड़ता है। इसके बाद बैंक (54 प्रतिशत) और रिटेलर्स (46 प्रतिशत) का नंबर आता है। इसके अलावा भारतीय बैंकों के साथ डेटा साझा करने में अधिक संतोषजनक स्थिति महसूस करते हैं। 50 भारतीय बैंकों के साथ डेटा साझा करते हैं। वहीं ब्रांडेड रिटेलर्स के साथ 30 प्रतिशत ही डेटा साझा करते हैं। औसतन डिजिटल लेन-देन करने वाले 65 प्रतिशत लोगों ने मोबाइल के जरिये भुगतान का विकल्प चुना है क्योंकि उन्हें यह सुविधाजनक लगता है। भारत में सिर्फ छह प्रतिशत ग्राहक अपने साझा किये गये डेटा को लेकर सुरक्षा या सतर्कता बरतते हैं। जापान में यह आंकड़ा सबसे ऊंचा आठ प्रतिशत का है। रिपोर्ट में कहा गया है कि 51 प्रतिशत भारतीय विभिन्न सेवाओं के लिए अपने निजी डेटा को साझा करने में हिचकते नहीं हैं। रिपोर्ट में आगाह किया गया है कि इलेक्ट्रानिक्स और यात्रा मार्केटिंग कंपनियां उपभोक्ताओं के डेटा बनाती हैं और उनके जरिये लेन-देन बढ़ता है। लेकिन इन क्षेत्रों में ऑनलाइन धोखाधड़ी का जोखिम सबसे अधिक होता है। एशिया प्रशांत में भारत में डिजिटल उपभोग सबसे अधिक है। अध्ययन में शामिल 90 प्रतिशत लोग डिजिटल सेवाओं का इस्तेमाल करते हैं। दिलचस्प तय यह है कि जनांकिक आधार पर गड़बड़ी वाले डेटा साझा करने के मामले में 70 प्रतिशत के साथ भारत चौथे स्थान पर है।
साभार :


© CopyRight Pressnote.in | A Avid Web Solutions Venture.