कोटा में महाराणा प्रताप जयंती पर टाक शो आयोजित

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Published on : 19 Jun, 18 10:06

कोटा में महाराणा प्रताप जयंती  पर  टाक शो आयोजित राजकीय पण्डित दीनदयाल सार्वजनिक मण्डल पुस्तकालय कोटा में महाराणा प्रताप जयंती दिवस समारोह पर एक टाक शो आयोजित किया गया जिसकी थीम थी “ शोर्य का प्रतीक महाराणा प्रताप” । कार्यक्रम की शुरुआत महाराणा प्रताप की प्रतिमा पर माल्यार्पण के साथ हुई।

इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार एवं कवि किशन लाल वर्मा , अध्यक्षता डा. अपर्णा पाण्डेय , विशिष्ठ अतिथी डा. प्रितिमा व्यास , प्रताप प्रतिष्ठान के अध्यक्ष राजेन्द्र सुमन एवं मुख्य वक्ता चंद्रशेखर सिसोदिया रहे।

टॉक शॉ के उदघाटन भाषण मे बोलते हुये पुस्तकालय प्रभारी डा. दीपक कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि – “महाराणा प्रताप ने वीरता का जो आदर्श प्रस्तुत किया, वह अद्वितीय है। उन्होंने जिन परिस्थितियों में संघर्ष किया, वे वास्तव में जटिल थी, पर उन्होंने हार नहीं मानी।

मुख्य वक्ता चंद्रशेखर सिंह सिसोदिया ने अपने संबोधन में महाराणा प्रताप के जीवन को चरितार्थ करते हुए कहा कि - संस्कृति का अनुकरण किये बिना किसी भी राष्ट्रनीतिकी अवधारणा सफल नहीं हो सकती। उन्होंने कहा प्रताप का शौर्य ,पराक्रम,स्वाभिमान वंदनीय है और राष्ट्र उनकी पूजा करता है।

वक्ता राम शर्मा ने कहा कि – जो सुख मे अति प्रसन्न और विपाति मे डर के झुक जाते है उन्हे न सफलता मिलती और ना हि इतिहास मे जगह ।

किशन वर्मा ने कहा कि - उन्होंने अपने पूर्वजों की मान – मर्यादा की रक्षा की और प्रण किया की जब तक अपने राज्य को मुक्त नहीं करवा लेंगे, तब तक राज्य – सुख का उपभोग नहीं करेंगे। तब से वह भूमी पर सोने लगे, वह अरावली के जंगलो में कष्ट सहते हुए भटकते रहे, परन्तु उन्होंने मुग़ल सम्राट की अधीनता स्वीकार नहीं की। उन्होंने अपनी मातृभूमि की रक्षा के लिए अपना जीवन अर्पण कर दिया।

इसी अवसर पर डा अपर्णा पाण्डेय ने कविता की चद पंक्तिया समर्पित करते हुए कहा कि - “ रण बीच चोकड़ी भर-भर कर चेतक बन गया निराला था , राणाप्रताप के घोड़े से पड़ गया हवा का पाला था, जो तनिक हवा से बाग़ हिली लेकर सवार उड़ जाता था, राणा की पुतली फिरी नहीं,तब तक चेतक मुड जाता था।” इस अवसर पर राजेन्द्र सुमन ने कहा कि - महाराणा प्रताप भारतीय इतिहास के एक अत्यंत गौरवशाली पात्र है। उनके त्याग, शौर्य और राष्ट्रभक्ति की तुलना किसी से नहीं की जा सकती। वह आज भारत में शौर्य, साहस और स्वाभिमान का प्रतीक बन गये है। कार्यक्रम संयोजिका श्रीमती शशि जेन कार्यक्रम मे पधारे सभी आगंतुको का आभार प्रदर्शन किया वही चैंप रीडर्स एसोशियेशन प्रमुख सागर आजाद ने “ प्रताप से प्रेरणा” की बात कही । इस अवसर पर डा प्रतिमा व्यास , युवा पाठक किशन सिंह ने भी अपने विचार प्रस्तुत किये । कार्यक्रम का प्रबंधन श्री अजय सक्सेना एवं श्री नवनीत शर्मा ने किया ।
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