स्वास्य मंत्रालय का सख्त प्रस्ताव

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Published on : 17 Jun, 18 14:06

स्वास्य बीमा कंपनियों के साथ बरती जाएगी सख्ती

नई दिल्ली बीमा कंपनियों को अस्पतालों के भुगतान में देरी का खामियाजा भुगतना पड़ सकता है। सरकार ने अस्पतालों को देरी से भुगतान करने वाली बीमा कंपनियों पर जुर्माना लगाए जाने का प्रस्ताव दिया है। आयुष्मान भारत की शुरुआत से पहले एनएचपीएस के तहत दावों के भुगतान में देरी की बात सामने आई थी। अस्पतालों की शिकायत है कि बीमा कंपनियां सही समय पर उन्हें दावों का भुगतान नहीं करती हैं।भुगतान में 15 दिनों से अधिक विलंब के लिए लग सकता है जुर्माना : अगर सरकार के प्रस्ताव पर अमल होता है तो बीमा कंपनियों को दावों का भुगतान अधिकतम 15 दिनों में कर देना होगा। अगर निर्धारित अवधि में बीमा कंपनी ने भुगतान नहीं किया तो दावा राशि पर तब तक एक प्रतिशत ब्याज अदा करना होगा, जब तक वह भुगतान नहीं कर देती। 15 अगस्त से होगी योजना की शुरुआत : स्वास्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि दिल्ली, ओडिशा, पंजाब और पश्चिम बंगाल ने योजना को लेकर सकारात्मक रु ख नहीं दिखाया है। हालांकि, इन राज्यों से भी योजना को लागू करने की दिशा में बातचीत चल रही है। बताया गया कि संभव है कि प्रधानमंत्री मोदी आगामी 15 अगस्त से योजना की शुरुआत की घोषणा करेंगे। अधिकारी ने कहा कि इसके लिए अब तक 23 कंपनियों के मनमाने रुख का पता चला है उनके दस्तावेज सीधे बीमा लेने वाले लाभांवितों से लिए जा रहे हैं। इसके तहत यह आकलन भी किया जा रहा है कि बीमा करते समय एजेंट ने किस तरह के लोक लुभावने वायदे किए थे। उनके सेवाएं और शत्रे क्या थी क्या वे नियमानुकूल हैं और उनका पालन कंपनियां कर रही हैं कि नहीं। ऐसा न करने वालों को कानूनी नोटिस जारी किया जा सकता है। साथ ही जरूरत पड़ने पर लाईसेंस भी रद्द भी कर सकते हैं।
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