कवि सम्मेलन:काव्य रचनाओं ने बाजुओं में भरा जोष

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Published on : 17 Jun, 18 13:06

कवि सम्मेलन:काव्य रचनाओं ने बाजुओं में भरा जोष
उदयपुर। बडी सादडी जैन चेरिटेबल ट्रस्ट उदयपुर द्वारा वीर झाला मान के ४४२ वें बलिदान दिवस पर आज भारतीय लोककला मण्डल में आयोजित हुए कवि सम्मेलन में कवियों की वीर रस की रचनाओं ने कार्यक्रम में उपस्थित हजारों श्रोताओं की बाजुओं में जहंा जोष भर दिया, वहीं कुछ कवियों ने अपनी रचनाओं से महाराणा प्रताप व झाला मान के बीच रिष्तों को बखूबी ढंग से पेष किया।
कवि सम्मेलन में इटावा के कवि गौरव चौहान ने अपनी रचना हृदय की धडकनों में देश का सम्मान ही होगा, सदा मस्तक पटल पर यह अटल अभिमान ही होगा, हमारी सांस की स्याही की अंतिम बूंद से यारो, लिखा जो शब्द जाएगा वह हिंदुस्तान ही होगा...रचना पेष कर तालियों की दाद पायी। कानपुर के कवि हेमन्त पांडेय ने अपनी रचना देश का जिसने मांन बढाया देश बहुत आभारी है, मोदी जी के चार साल पे भारी है ...,कवियित्री डॉ. भुवन मोहिनी ने मार्मिक रचना हर एक बेटी के अपने भाग्य में होता पिता लेकिन यहाँ हर एक पिता के भाग्य में बेटी नही होती...सुनाकर सभी के दिल को छूने का प्रयास किया। इसके अलावा अपनी एक अन्य रचना तुम जो छू लो शिवाला बनूँ प्रेम का,एक मींरा तो दिवानी तो मुझमें भी है.. सुनाकर वाह वाही लूटी।
इन्दौर के सत्य नारायण सत्तन ने रचना सपने में पा जाएगा, ऐसी तेरी तकदीर नही,भारत का कश्मीर आफ अब्बा की जागीर नही... प्रस्तुत कर दर्षकों के मन में देष प्रेम का भाव जगा दिया।
कवि मोलवा के कवि मुकेष ने मेवाडी मुकुट अरबों को चढ जाएगा,ललना का शील क्या ठोकर खाएगा?,मन्दिर होंगे खंडहर पूजन नही होगा,अभिषेक आराधन स्तवन नही होगा,शिखा काट कर जनेऊ उतारी जाएगी,सभ्यता कुचली संस्कृति मारी जाएगी,जनार्दन जनता पर कहर ही बरसेगा,एकलिंगनाथ अभिषेक को तरसेगा,मूर्तियां तोड कोई चादर चढा जाएगा,तलवार के खौफ कलमा पढा जाएगा,अब धर्म धरा पर धर्म कौन बचाएगा?,यदा यदा ही तर्ज क्या केशव आएगा?,प्रकट हो गए सारे शेष प्रश्न नही था,ऋषि ने नेत्र खोले कोई कृष्ण नही था....पेष कर दर्षकों को बतानें का प्रयास किया कि यदि अब भी हम नहीं संभले तो यहीं हश्र होगा।
भोपाल के कवि चेतन चर्चित ने भी अपनी हास्य कविताओं से खूब हंसाया। उदयपुर के कवि राव अजात षत्रु सूत्रधार के रूप म अपनी रचना मुगलों की छाती कांपी,भयभीत खडी चित्कार का,हल्दीघाटी में चमकी उस दो धारी तलवार का, बडी सादडी भी तो केवल इस घटना से बडी हुई, झाला मान ने रखा था मेवाडी सरदार का....सुनाकर इतिहास की जानकारी दी।
कार्यक्रम संयोजक यषवन्त आंचलिया ने बताया कि इस अवसर पर आयोजित समारोह के अध्यक्ष चित्तौडगढ संासद सी.पी.जोषी,मुख्यअतिथि पुलिस अधीक्षक राजेन्द्रप्रसाद गोयल,विषिश्ठ अतिथि डॉ. विमल नागौरी,कमलेष षर्मा तथा बडी सादडी के युवा उद्यमी प्रकाष कनेरिया थे।
प्राइड ऑफ बडी सादडी सम्मान से हुए सम्मानित-मण्डल अध्यक्ष ष्याम नागौरी ने बताया कि समारोह में युवा उद्यमी एंव समाज सेवी जितेन्द्रसिंह राठौड(जीतू बन्ना) को झाला मान सम्मान,जितेन्द्र आंचलिया,सुरेन्द्र मोगरा, डॉ. गुनीत मोंगा भार्गव,पंकज चौघरी, दषरथसिंह झाला,राजकुमार मेहता, नवीन कंठालिया तथा भरत चौधरी को अतिथियों ने उरपना ,मेवाडी पाग,स्मृतिचिन्ह एवं प्रषस्ति पत्र प्रदान कर प्राईड ऑफ बडी सादडी सम्मान से सम्मानित किया गया। नागौरी ने प्रारम्भ में अतिथियों का स्वागत किया। मण्डल के मंत्री अरविन्द जारोली ने मण्डल द्वारा किये जा रहे कार्यो की जानकारी दी।

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