हस्तलिखित ग्रंथों के संरक्षण में जूटे ख्याली राम मीना

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Published on : 17 Jun, 18 13:06

हस्तलिखित ग्रंथों के संरक्षण में जूटे ख्याली राम मीना डॉ.प्रभात कुमार सिंघल/लेखक एवम् पत्रकार,कोटा/प्राचीन हस्तलिखित पांडुलिपियां हमारी बहुमूल्य ग्रन्थ संपदा है। इन में हमें तत्कालीन समाज के बारे में जानकारी प्राप्त करने में मदद मिलती है। अनेक शोधरत विधार्थी इनका लाभ उठाते है। कोटा में संचालित राजस्थान प्राच्यविद्या प्रतिस्ठान के सहायक अनुसंधान अधिकारी जिस लगन,अथक परिश्रम से पडुलिपिओं का निजी लोगों से प्राप्त कर उनके संरक्षण में विगत कई वर्षो से लगे है वह उनकी प्राचीन ग्रंथो के प्रति अनुराग का परिचायक है। उन्होंने अबतक पुरे हाड़ोती क्षेत्र में सर्वे कर ग्रंथधारियो से दो हज़ार से अधिक पांडुलिपियां नकेवल प्राप्त करने में सफलता पाई वरन् उनका संरक्षण भी किया।
कार्यालय जो पहले गढ़ के एक हॉल में चलता था को ब्रजविलास में हस्थानत्रित करवाने की सफलता को एक बड़ी उपलब्धि मानते है।इस में अप्रतिम सहयोग के लिए वे तत्कालीन कलेक्टर जे.सी.महांती के प्रयासों को भूल नही पाते और उनको याद करते है। नगर विकास न्यास से समय समय पर आर्थिक सहायता ले कर भवन का रख रखाव एवम् नवीनीकरण कार्य करवाया।
राघव दास कृत भक्तमाल( चतुर दस कृत टीका सहित) का पद्य अनुवाद करना, कवीन्द्र कल्पलता द्वारा रचित कवीन्द्राचार्य सरस्वती का हिंदी अनुवाद, कविजान कृत 7 आध्यत्मिक विरह काव्यों में से 4 पडुलिपियो का कार्य पूरा करना, विभागीय प्रकाशन " हिंदी-राजस्थानी हस्तलिखित ग्रन्थ-सूचीपत्र भाग-21:कोटा संग्रह" का संपादन करना इनकी प्रमुख उपलब्धियां है। कोटा संग्रह के संस्कृत-प्राकृत भाषा ग्रन्थ क्रमांक 4835से 9924 का सूची पत्र तैयार किया जो प्रकाशनाधीन है।
पांडुलिपियों के प्रचार प्रसार के लिए आकाशवाणी कोटा केंद्र से समय समय पर वार्ताएं देना, प्रदर्शनियां लगाने के साथ-साथ कई रास्ट्रीय अवन अन्तर्रास्ट्रीय सेमिनारों में अपने शोध पत्रो का वाचन किया। आपने अनेक अनुशंकर्ताओ का मार्गदर्शन किया।
कोटा रिकार्ड में उपलब्ध 9966 हस्तलिखित ग्रंथो एवम् 122 मुद्रित ग्रंथो कुल 9725 गंथो का डिजिटाइलेशन कार्य भी कर लिया गया है,जिसे ओन लाइन करने का प्रयास विभाग द्वारा किया जा रहा है।
खयाली राम मीना को इनकी उत्कृठ सेवाओं के लिए ज़िला प्रसाशन कोटा द्वारा 26 जनवरी 2006 को गणतंत्र दिवस समारोह में सम्मानित किया गया। आपको समय समय पर दलित साहित्य अकादमी द्वारा बूंदी में "बूंदा मीना" सम्मान से एवम् किशनगढ़(अजमेर) में सुविधासगर जी वर्षायोग समिति कोटा द्वारा सम्मानित किया गया। अनेक अवसरों पर कोटा मीना समाज ने भी आपको सम्मानित किया।
मिलनसार,सबका सहयोग करने वाले एवम् सामाजिक कार्यो में रूचि लें कर काम करने वाले ख्याली राम मीना का जन्म राजस्थान के करौली ज़िले के सपोटरा ग्राम में एक किसान परिवार में स्व.देवी लाल पटेल के घर में जुलाई 1959 में हुआ।आपके डेढ़ वर्ष की आयु में ही माताजी का देवलोक गमन हो गया और दादी ने लालन पालन किया।
प्रारंभिक शिक्षा सपोटराएवम् करौली में हुई।आपने 1980 में जयपुर से भारत का प्राचीन इतिहास विषय मेंएम्.ए.की डिग्री प्राप्त की। आप वर्ष। 1981 से 2004 तक कोटा में कनिष्ठ अनुसन्धान अधिकारी पद पर रहे तथा 2006 से वरिष्ठ अनुसन्धान अधिकारी पद पर सेवारत है।
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