ओमप्रकाश बारबर को मिली पीएचडी की उपाधि 

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Published on : 16 Jun, 18 20:06

ओमप्रकाश बारबर को मिली पीएचडी की उपाधि  उदयपुर। आपराधिक न्याय व्यवस्था का  लगभग 49% भाग अधिवक्ता द्वारा प्रभावित होता है एवं अधिवक्ता की भूमिका एवं योगदान सर्वाधिक होता है।

 यह निष्कर्ष एडवोकेट ओमप्रकाश बारबर ने ''दी रोल एंड कंट्रीब्यूशन ऑफ लायर्स इन क्रिमिनल जस्टिस डिलीवरी सिस्टम एंड इट्स इंपेक्ट ऑन जुडिशल एडमिनिस्ट्रेशन" यानी  आपराधिक न्याय प्रदत्त व्यवस्था में अधिवक्ता की भूमिका एवं योगदान - न्याय प्रशासन पर इसका प्रभाव विषय पर विश्लेषणात्मक दृष्टि से किए गए अध्ययन में यह पाया है। बारबर ने अपने शोध में पाया कि न्याय व्यवस्था में कई प्रकार की कमियों का सहारा लिया जा कर इस व्यवस्था से संबंधित कोई भी व्यक्ति किसी भी स्तर पर विचारण को लंबित कर सकता है। मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के संघठक विधि महाविद्यालय ने अधिवक्ता ओमप्रकाश बारबर को इसी विषय पर विद्यावाचस्पति पीएचडी की उपाधि प्रदान की है।

बार एसोसिएशन उदयपुर के सदस्य अधिवक्ता ओमप्रकाश बारबर को डॉक्टरेट की उपाधि से नवाजा गया है। 

मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के अधीन संचालित विधि महाविद्यालय से श्री ओमप्रकाश बारबर को दी रोल एंड कंट्रीब्यूशन ऑफ लायर्स इन क्रिमिनल जस्टिस डिलीवरी सिस्टम एंड इट्स इंपेक्ट ऑन जुडिशल एडमिनिस्ट्रेशन यानी आपराधिक न्याय प्रदत व्यवस्था में अधिवक्ता की भूमिका एवं योगदान- न्याय प्रशासन पर इसका प्रभाव ( विश्लेषणात्मक दृष्टि से एक अध्ययन) पर किए गए गहरे शोध के बाद विद्यावाचस्पति की उपाधि प्रदान की गई है । श्री बारबर ने यह अध्ययन असिस्टेंट प्रोफेसर विधि महाविद्यालय की डॉ शिल्पा सेठ के निर्देशन में पूरा किया शोध में एडवोकेट बारबर ने पाया की न्याय व्यवस्था में अधिवक्ता की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने अपने शोध में लंबित प्रकरणों में शीघ्र न्याय मिले, इसके लिए कुछ सुझाव भी दिए हैं, जिनमें उन्होंने पाया कि लंबित मामलों के शीघ्र निस्तारण के लिए न्यायालयों की संख्या में बढ़ोतरी होनी चाहिए एवं अपराधियों को दंड और निर्दोषों को राहत मिले, इसके लिए स्वतंत्र अनुसंधान एजेंसी की स्थापना हो, न्यायालयों में अभियोजन पक्ष को रखने वाले लोक अभियोजकों  को सब तरह की विधिक सुविधाएं मुहैया हो तथा न्यायालयों में अत्याधुनिक तकनीक का प्रयोग हो, जिससे पक्षकार, न्यायिक अधिकारी एवं अधिवक्ता उसका लाभ ले सके और न्यायपालिका में नियुक्त होने वाले न्यायाधिपति, न्यायाधीशों व मजिस्ट्रेटों की नियुक्ति में पूर्णतया पारदर्शिता हो और लंबी आपराधिक प्रक्रिया को संक्षिप्त किया जाना न्याय संगत माना।

बार एसोसिएशन उदयपुर में अधिवक्ताओं के बीच डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त करने वाले डॉ ओम प्रकाश बारबर पांचवें युवा अधिवक्ता हैं।
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