शौचालय से राहत की जिंदगी जी रहा निःशक्त धनसिंह का परिवार

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Published on : 14 Jun, 18 10:06

शौचालय से राहत की जिंदगी जी रहा निःशक्त धनसिंह का परिवार उदयपुर | शारीरिक निःशक्तता और वृद्धावस्था की चुनौतियों के बीच अपने घर का शौचालय उदयपुर के जनजाति बाहुल्य फलासिया ब्लॉक के धनसिंह के लिए एक राहत भरा और सुकूनदायी कदम साबित हुआ है।

बचपन में तीन वर्ष की उम्र में दुर्घटना का शिकार हुए धनसिंह को एक हाथ व पैर से उम्र भर के लिए विकलांग बना दिया। धनसिंह एक सिद्धहस्त टेलर हैं और एक हाथ से कपड़ों की सिलाई कर अपनी रोजी चलाते हैं। धनसिंह और उनकी पत्नी को अक्षमता पेंशन के रूप में एक हजार रुपये प्रतिमाह मिलते हैं, इन्हीं से उनका गुजर बसर हो पा रहा है।

स्वच्छ भारत मिशन की टीम ने लुणियारा ग्रामवासी धनसिंह के परिवार से संपर्क साधा तो धनसिंह ने बाहर शौच जाने की पीड़ा जाहिर की। विकलांगता एवं वृद्धावस्था के चलते उनके शौच के लिए बाहर सड़क पर दुर्घटना की संभावना एवं शारीरिक अक्षमता बड़ी चुनौतियां थी।

विकलांगता के चलते लम्बी दूरी तय न कर सड़क के किनारे ही शौच करना धनसिंह की मजबूरी थी। ऐसे में परिवार के किसी न किसी सदस्य को बतौर चौकसी खड़ा रहना पड़ता था। साथ ही खुले में शौच के कारण पूरे परिवार को शर्मिंदगी का सामना करना पड़ता था, वह अलग।

धनसिंह को जब उनके घर का शौचालय सरकारी खर्चें पर बनाने की बात बतायी गई तो परिवार की खुशी का ठिकाना न रहा। वेल्स फॉर इण्डिया के सहयोग से महान सेवा संस्थान की समर्पित टीम ने उनकी अक्षमता एवं वृद्धावस्था को ध्यान में रखकर विशेष शौचालय डिजायन करवाया और निर्माण की सतत निगरानी कर गुणवत्तायुक्त शौचालय का निर्माण करवाया। ग्राम पंचायत ने स्वच्छ भारत कार्यक्रम के तहत निर्माण सामग्री प्रदान की।

आज वृद्ध धनसिंह एवं उनकी धर्मपत्नी श्रीमती मंगली सरकार का मुक्त कंठ से आभार जता रहे हैं कि हमें बुढ़ापे में इतना बड़ा सहारा सरकार ने दिया। घर में खुद का शौचालय बनने से जहां घर के आस-पास का वातावारण भी स्वच्छ रहने लगा है वहीं पूरा परिवार अब सुरक्षित होकर राहत की सांस ले रहा है और अब हमें खुले में शौच की शर्मिंदगी से भी छुटकारा मिला है।
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