पहली बारिश में भरी कल्ला जी महाराज की तलाई

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Published on : 14 Jun, 18 09:06

कोटा | मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान तृतीय चरण का आरंभ स्थल लोहली गांव। रेबारियों के गांव के तौर पर पहचान रखने वाले इस गांव का एक मात्र मुख्य जल स्रोत कल्ला जी महाराज की तलाई करीब नौ माह से सूखी पडी थी। मवेशियांे की अधिकता के कारण जल संकट की सबसे ज्यादा मार इन मूक प्राणियों पर ही पडी। ग्रामीणों को भी अब तक काफी दूर हैंडपम्प और ट्यूबवेल से पानी लाकर गुजारा करना पडा था लेकिन इस तलाई का कार्य जैसे ही अंतिम चरण में पहुंचा तो दो दिन पूर्व पहली ही वर्षा में यह तलाई भर गई। तालाब में पानी आते ही मवेशी दौडे चले आए। जल स्तर बढने से आसपास के हैंडपम्प अब चालू होने की उम्मीद में ग्रामीणों ने भी चैन की सांस ली है।
बूंदी पंचायत समिति के गांव लोहली में करीब डेढ सौ परिवारों की रिहायश है।
अधिकतर परिवार रेबारी हैं और पशुधन के साथ गुजर बसर करते हैं। पहले ही जीवन की जटिलताएं कम नहीं थीं, जल संकट ने इन्हें और बढा दिया था। पानी का एक मात्र बडा स्रोत कल्ला जी की तलाई वर्षा में भरती तो थी लेकिन अधिक गहराई ना होने के कारण इसमें नाम मात्र का पानी ही जुट पाता। तीन चार माह में ही यह फिर रीत जाती और फिर इसकी सतह दरारों के पट जाती। इस गांव के बाशिंदों की पीडा को समझते हुए मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान में इसी गांव से 20 जनवरी को तृतीय चरण का आरंभ किया गया। जिला प्रभारी मंत्री सहित अन्य जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों ने ग्रामीणों के साथ श्रमदान कर इस तलाई की खुदाई आरंभ की। करीब ढाई महीने चले इस कार्य की बदौलत अब यह तलाई जलराशि से सज कर अभियान की सार्थकता बयां कर रही है।
जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जुगल किशोर मीणा ने बताया कि महात्मा गांधी नरेगा अन्तर्गत किए गए इस कार्य को मुख्यतः श्रमशक्ति द्वारा ही पूरा किया गया है। करीब 15 लाख रुपए लागत से इस तलाई को गहरा कराया गया है। इससे अब इसकी भराव क्षमता तीन गुना बढ जाएगी और पानी अधिक समय ठहरेगा। पानी ठहरेगा तो आस पास के हैंडपम्प और ट्यूबवेल भी चलने लगेंगे। घाटों का निर्माण एवं कुछ अन्य कार्य अभी जारी हैं। कार्य आरंभ के समय ही इस स्थान का धार्मिक महत्व देखते हुए इस तलाई को मॉडल तालाब के रूप में विकसित करने की योजना बना ली गई थी। सहायक अभियंता राजेश शर्मा ने बताया कि 21लाख 15 हजार रुपए लागत से यहां पक्के घाट, पाल पर सुरक्षा दीवार आदि बनाकर, पर्याप्त पौधरोपण कर इसे मॉडल तालाब का रूप दिया जाएगा जो चालू वित्तीय वर्ष में ही पूरा किया जायेगा।
वर्षा के दौरान तलाई में पानी भराव के दौरान कल्ला जी महाराज के स्थान तक पहुंचने में ग्रामीणों को परेशानी आती थी। इस समस्या से निजात के लिए तालाब के सहारे पुलिया का निर्माण भी किया गया है जिससे पानी भराव की स्थिति में भी ग्रामीण कल्ला जी महाराज के दर्शन आसानी से कर सकेंगे। सहायक अभियंता ने बताया कि इस गांव में अभियान अन्तर्गत करीब दो दर्जन अन्य कार्य भी हाथ में लिए गए हैं जिनमें ज्यादातर व्यक्तिगत श्रेणी के कार्य हैं। इन कार्यों से ग्रामीणों के खेतों, सिंचाई सुविधाओं का सुदृढीकरण होगा और ग्राम विकास को नए आयाम मिले है
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