उत्तर पश्चिम रेलवे के सभी १८ रनिंग रूम वातानुकूलित

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Published on : 12 Jun, 18 10:06

गार्ड, ड्राईवरों के ड्यूटी के दौरान रहने की सुविधा होगी बेहतर, कार्यकुशलता में होगी वृद्धि

उत्तर पश्चिम रेलवे भौगोलिक दृष्टि से रेगिस्तानी क्षेत्र में आता है। यहाँ पर वर्ष में लगभग ७ से ८ माह तक गर्मियों का मौसम रहता है। मई-जून के महीने में पारां ४५ डिग्री से ज्यादा पहुँच जाता है। ऐसी परिस्थिति में ड्यूटी के दौरान गार्ड/ड्राईवरों के ठहरने के लिये उपलब्ध रनिंग रूम में एसी की उपयोगिता बढ जाती है।
उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंफ अधिकारी श्री तरूण जैन के अनुसार रेलवे बोर्ड के दिशा-निर्देशानुसार अनुसार पहल करते हुये उत्तर पश्चिम रेलवे के सभी १८ रनिंग रूम को वातानुकूलित किया गया है। उत्तर पश्चिम रेलवे के अजमेर मण्डल पर आबूरोड, मारवाड ज., अजमेर तथा उदयपुर, बीकानेर मण्डल के बीकानेर, सूरतगढ, श्रीगंगानगर, हिसार, भिवानी तथा चूरू, जयपुर मण्डल के जयपुर, फुलेरा तथा रेवाडी एवं जोधुपर मण्डल के जोधपुर, समदडी, मेडता रोड, बाडमेर तथा जैसलमेर के स्थित रनिंग रूम को वातानुकूलित किया गया है।
रेलवे के इस कदम के परिणाम स्वरूप रनिंग कर्मचारियों को उचित आराम प्राप्त हो रहा है। जब कर्मचारी पर्याप्त आराम लेकर अपनी ड्यूटी पर जाता है तो ड्यूटी के दौरान अपना शत प्रतिशत कार्य निष्पादन बेहद कुशलता पूर्वक करता है। कार्य के दौरान किसी प्रकार की लापरवाही की सम्भावना घट जाती है।
रनिंग रूम एसी युक्त होने के कारण निम्नलिखित फायदे हैः-
ऑफ ड्यूटी के बाद कर्मचारी बजाय इधर-उधर जाने के सीधे रनिंग रूम में जाते है और पूर्ण विश्राम करते है।
रनिंग रूम में पहले एयर कूलिंग सिस्टम था जिसका तापमान फिक्स था, परन्तु एसी को मौसम के अनुसार तापमान को रेगुलेट कर सकते है।
एयर कूलिंग सिस्टम को लगातार २४ घंटे तक नहीं चलाया जा सकता था परन्तु एसी को चलाया जा सकता है।
जिन कमरों में स्टॉफ आराम कर रहा होता है सिर्फ उन्हीं कमरों में एसी ऑन रखना होता है। बाकी कमरों का एसी ऑफ रखा जाता है, जिससे बिजली की बचत होती है एवं हमारे क्रू सही तरीके से आराम कर सके ताकि वह कार्य करते समय सजग रहेगें, इसके फलस्वरूप संरक्षा में बढोतरी होगी।
क्रू की उपलब्धता आसान हो जाती है। जिससे गाडी का संचालन सुगम हो जाता है।

रेलवे का सदैव ही प्रयास रहता है कि वो अपने रेलकर्मियों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाये, ताकि वह प्रसन्नचीत तथा मनोयोग से कार्य निष्पादित कर सके ताकि कार्यकुशलता में वृद्वि हो और यात्रियों को बेहतर और संरक्षित परिचालन उपलब्ध करवाने के ध्येय की प्राप्ति हो।

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