एचयूएफ को बनायें रखने मिलजुल के प्रयास आवश्यक

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Published on : 26 May, 18 11:05

एचयूएफ को बनायें रखने मिलजुल के प्रयास आवश्यक उदयपुर। डॉ.एस.एल.मेनारिया ने कहा कि कानून में निहित एचयूएफ यानि हिन्दू अविभाज्य परिवार का जो हश्र हुआ है उसे पीछे बहुत बडी ताकतें लगी हुई है। कानूनी प्रवधानों को बनाये रखने के लिये सभी के समन्वित प्रयास जरूरी है।
वे आज रोटरी क्लब उदयपुर द्वारा रोटरी बजाज भवन में अविभाजित हिन्दू परिवार की प्रांसगिकता के सन्दर्भ में आयोजित वार्ता में बोल रहे थे। उन्हंने कहा कि आयकर अधिनियम में इसे एक अलग इकाई माना गया है। इसमें वे सभी व्यक्ति आते है जो एक ही पूर्वज के वंषज है। इसमे ंहिन्दू परिवारेां के दो या दो से अधिक सदस्य हो और उनकी सामूहिक सम्पत्ति हो।
उन्हने बताया कि मिताक्षरा सम्प्रदाय के अनुसार जन्म के साथ ही षिषुओं को पैतृक सम्पत्ति में अधिकार प्राप्त हो जाता है। जैन व सिक्ख परिवारों में भी पूजा व अन्य संस्कार हिन्दुओं से मिलते जुलते हो तो उन्हें भी एचयूएफ माना गया है।
मेनारिया ने कहा कि आयकर कानून में कहा गया कि एचयूएफ में कर्ता महिला-पुरूश, कनिष्ठ या वरिष्ठ कोई भी हो सकता है और जो व्यवसाय का संचालन करता है। आयकर अधिनियम में पैतृक समपत्ति के हस्तातंरण पर कोई कर नहीं लगता है। इस कानून के कारण ही आज देष में संयुक्त परिवार बचे हुए है,वरन् पाष्चात्य संस्कृति के चलते सभी एकल परिवार बन जाते। आयकर अधिनियम में एसयूएफ का कर दयित्व सीमा बढा दें और इन्हें अधिक घर प्रदान करें तो संयुक्त परिवारों को टटने से बचाते हुए देष को खुषहाल बनाया जा सकता है।
प्रारम्भ में क्लब अध्यक्ष डॉ. एन.के.धींग ने कहा कि देष में एचयूएफ की परम्परा पूर्व में कायम थी जो अब लुप्त होती जा रही है इसे बचायें रखने के लिये हम सभी को मिलजुल कर प्रयास करने होंगे। प्रारम्भ में विजयलक्ष्मी बंसल ने ईष वंदना प्रस्तुत की जबकि अंत में सचिव दिनेषचन्द्र अग्रवाल ने आभार ज्ञापित किया।

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