पेट्रोल व डीजल पर संवेदनहीन है सरकार

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Published on : 24 May, 18 10:05

बढती महंगाई आमजन परेशान

उदयपुर । नगरनिगम के पूर्व नेता प्रतिपक्ष शहर विधानसभा के प्रत्याशी रहे दिनेश श्रीमाली ने सरकार पर पेट्रोल डीजल के दामो पर चुप्पी तोडने व दामो को नियंत्रण में लाने के लिये उचित कदम उठाने के साथ जनता को राहत देने की मांग करी ।
दिनेश श्रीमाली ने कहा की सप्रंग सरकार में मनमोहन सिंह जी के प्रधानमंत्री रहते जो कच्चा तेल उच्चतम रिकॉर्ड स्तर १४९.२९ डॉलर प्रति बेरल तक पहुंचा तब भी पेट्रोल ५०.६२ रु. व डीजल ३४.८६ रु. प्रति लीटर रहा । वही बहुत हुयी पेट्रोल डीजल की मार अबकी बार मोदी सरकार के नारे से चुनी व पूर्ण बहुमत वाली सरकार में कच्चा तेल निम्नतम स्तर २९.६४ डॉलर प्रति बेरल तक पहुंचा तब पेट्रोल ५९.५५ रु. व डीजल ४४.६८ रु. प्रति लीटर रहा ऐसा क्या कारण रहा की कच्चे तेल में रिकार्ड स्तर की गिरावट का लाभ आम जनता को नहीं मिल सका ।
दिनेश श्रीमाली ने बताया की वर्तमान में कच्चा तेल ६८.१० डॉलर प्रति बेरल है फिर भी पेट्रोल का दाम आज उदयपुर में ८० रुपये पार कर चुका है तो वही डीजल ७३ रुपया प्रति लीटर है । मोदी सरकार ने पेट्रोल व डीजल को ळैज् के दायरे में न लाकर पेट्रोल पर २५ रु. प्रति लीटर व डीजल पर १८ रुपये प्रति लीटर तक का जो लाभ मिल रहा है वो जनविरोधी है । जिस प्रकार कर्नाटक चुनाव के बाद लगातार १० दिन से पेट्रोल के भावो में बढोतरी हो रही है यह आमजनता के ऊपर महंगाई का बोझ है इस पर सरकार को संवेदनशीलता दिखाते हुए उचित कदम उठाने चाहिये व पेट्रोलनीति में बदलाव करना चाहिये ।
दिनेश श्रीमाली ने मांग करी की एक्ससाइज ड्यूटी में कमी की जाए व राज्य सरकारो को भी निर्देशित करे की वह अपने राज्यों में पेट्रोल व डीजल पर लगने वाले वैट की दरो में बदलाव करे या पेट्रोल और डीजल को १८ः ळैज् के दायरे में लिया जाये जिससे आमजन पर महंगाई का भार न पडे ।


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