प्रो. देवकर्ण सिंह राठौड काग अवार्ड से सम्मानित

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Published on : 24 May, 18 10:05

प्रो. देवकर्ण सिंह राठौड काग अवार्ड से सम्मानित उदयपुर | पति की मदिरा पान की लत के कारण परिवार की बर्बादी से व्यथित एक अबला मॉ की पीडा को गहरी संवेदना के साथ मुखरित करके शतक लिखने वाले डिंगल भाषा के वयोवृद्व कवि प्रो. देवकरण सिंह राठौड को एक समारोह में भक्त कवि पद्श्री दुलाभाया काग अवार्ड से नवाजा गया। प्रो. राठौड को सम्मान स्वरूप प्रशस्ती पत्र, स्मृति चिन्ह, शॉल एवं ५१ हजार की राशि भेंट की गई। समारोह में राजस्थान विद्यापीठ विवि के कुलपति प्रो. एस.एस. सारंगदेवोत ने कहा कि तकनीक प्रधान वर्तमान युग में संवेदनशीलता को बनाये रखने की महती आवश्यकता पर बल देते हुए मनुष्यकता के लिए इसे जरूरी बताया। लोक कला विद् महेन्द्र भाणावत ने प्रो. राठोड के रचना कर्म पर प्रकाश डालते हुए हिन्दी को डिंगलमय तथा डिंगम का हिन्दीमय बनाने को उनकी बडी देन बताया। इतिहासकार डॉ. राजशेखर व्यास ने भी प्रो. राठौड की भाषा की सरलता को अद्वितिय बताया। समारोह के मुख्य अतिथि सागर केन्द्रीय विवि के कुलाधिपति डॉ. बलवंत जॉनी ने बताया कि पिछले दिनों कागधाम ( मजादर ) म कुल सम्मान समारोह में प्रो. राठौड के न आने के कारण अवार्ड कमेटी के प्रतिभागी सुप्रसिद्ध संत मुरारी बापू ने यह सम्मान और प्रभु का आशीर्वाद मेरे हाथो व्यक्तिगत रूप से उदयपुर भिजवाया है। यह सम्मान प्रतिवर्ष भारतीय साहित्य परम्परा को आगे बढाने वाली पांच विभूतियों का प्रदान किया जाता है। जिनमें चार गुजरात से तथा एक राजस्थान से चयनित की जाती है।समारोह मे विशिष्ठ अतिथि डॉ. अम्बादान रोहडिया निदेशक जवेरचंद मेघाणी लोक साहित्य केन्द्र सौराष्ट्र विवि राजकोट तथा प्रवीणदान रोहडिया अध्यक्ष चारण महासभा राजकोट थे। रोहडिया ने समारोह में बताया कि चारणी साहित्य परम्परा को आगे बढाने के लिए यह अवार्ड विजयदान देथा सोहनदान चारण कल्याण सिंह शेखावत अर्जुनदेव चारण तथा सीपी देवल को दिया जा चुका है। समारह में प्रो. जीएस राठौड, वरिष्ठ नागरिक संस्थान के अध्यक्ष भंवर सेठ, साहित्यकार किशन दाधीच, प्रो. एकलिंग सिंह झाला, मोती सिंह झाला, डॉ. रीतू तंवर, डॉ. सरला शर्मा, डॉ. सुनीता सहित शहर के गणमान्य नागरिक उपस्थित थे। प्रो. राठौड ने पिया पिये दारू, हकीम खां सूर ओैर चत्रगढ हेलादेय शतक के कई दौहे सुनाये। संयोजन डॉ. अनिता राठोड ने किया।


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