इंसान का वास्तविक शत्रु अज्ञानता और आलस्य

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Published on : 24 May, 18 09:05

उदयपुर । नारायण सेवा संस्थान के बडी स्थित सेवामहातीर्थ परिसर में ः’अपनों से अपनी बात‘ एवं ’दीनबन्धु वार्ता‘ कार्यक्रम के प्रथम दिन बुधवार को संस्थान संस्थापक कैलाश ’मानव‘ ने कहा कि ‘सत्य ही परमात्मा है, परमात्मा ही सत्य है। सत्य के मार्ग पर चलने से परमात्मा की प्राप्ति होती है, सत्य ही जीवन है।‘ सत्य से हृदय की कलुषित भावनाएँ, सद्विचारों में परिवर्तित हो जाती है।उन्होंने कहा कि मनुष्य साधनों से नहीं साधना, भवनों से नहीं भावनाओं से श्रेष्ठ बनता है। इसलिए साधन में नहीं साधना में मन लगाना चाहिए। क्योंकि साधना से ही प्रभु दर्शन होते हैं।
अध्यक्ष प्रशांत अग्रवाल ने कहा कि व्यक्ति को सफल होने के लिए योजनाबद्ध तरीके से कार्य करना चाहिए। व्यक्ति का वास्तविक शत्रु उसका स्वयं का अज्ञान और आलस्य है। बिना इन्हें पराजित किए सफलता नहीं मिल सकती है। उन्होने कहा कि किसी भी कार्य में सफलता के लिए ज्ञान का होना आवश्यक है। बिना ज्ञान के सफलता स्थायी नहीं होती है। व्यक्ति को पहले ज्ञानार्जन करना चाहिए। इसके बाद अर्थ और पुण्यार्जन किया जाना चाहिए। अगर ज्ञान पाना चाहते हो तो सबसे पहले खुद को श्रद्धावान होना होगा। कार्यक्रम का सीधा प्रसारण आस्था चैनल पर हुआ। संचालन महिम जैन ने किया।

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