राजस्थान के सभी जिला मुख्यालयों पर किया एक दिन का सांकेतिक प्रदर्शन

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Published on : 22 May, 18 13:05

प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री के लिए सभी जिलाधीषों को दिया ज्ञापन

राजस्थान के सभी जिला मुख्यालयों पर किया एक दिन का सांकेतिक प्रदर्शन किसानों को फसलों का उचित मूल्य दिलाने, फसल खराबे का सही जोखिम कवर उपलब्ध करवाने व किसानों को ऋण से मुक्ति दिलाने हेतु नीतिगत बदलाव कर राहत देने के सबंध में सभी जिला मुख्यालयों पर किसान संघ के पॉच प्रतिनिधियों ने जिलाधीषों से वार्ता कर उन्हें किसानों की वर्तमान स्थिति एव परिस्थिति के बोरे में अवगत कराया
फसल का उत्पादन लागत मूल्य नही मिलने, प्राकृतिक आपदाओं, रोग व कीट से फसलों के खत्म होने पर फसल बीमा के सही किर्यान्वयन के आभाव में जोखिम कवर उपलब्ध नही होने से किसान आर्थिक रूप से परेशान है भारतीय किसान संघ द्वारा समय-समय पर आंदोलन, ज्ञापन व वार्ता के माध्यम से किसानों की समस्याओं से सरकार को अवगत करवाया इस पर सरकार द्वारा विधुत नीति में सुधार, समर्थन मूल्य पर खरीद करने व अल्पकालीन सहकारी ऋण माफी योजना लाई गई लेकिन किसानों की समस्याओं के स्थाई समाधान हेतु खरीद, बीमा व ऋण मुक्ति हेतु नीतियों में बदलाव आवश्यक है-
समर्थन मूल्य पर खरीद के दौरान संसाधनों के अभाव से किसान फसल का घोषित मूल्य नही पा सके अतः सभी फसलों का लागत के आधार पर लाभकारी मूल्य तय कर अंतरराशि (भावन्तर/मुल्यांतर) भुगतान योजना लागू की जावे।

सभी फसलों एवं सब्जिय तथा दूध का भी लाभकारी समर्थन मूल्य घोशित कर वर्शभर सभी की लाभकरी मूल्य से खरीद की जाए। और किसान को राहत प्रदान कि जाए।
समर्थन मूल्य से नीचे फसल खरीदने एवं बेचने को अपराध की श्रेणी में लाया जाए। तथा अपराधी को उचित दण्ड का प्रावधान सुनिष्चित किया जाए।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का किसानों को समुचित लाभ दिलाने बाबत बीमा कंपनियों को प्रिमियम देने के बजाय केन्द्रांश, राज्यांश व किसान का प्रिमियम हिस्सा मिलाकर किसान कोरपस फण्ड योजना लाई जावें।
बीज, खाद, कीटनियंत्रक, कृषि उपकरणों सहित कृषि आदान की लागत को नियंत्रित कर,राजस्थान में हर खेत को पानी मिले इसके लिए नदी जोडों योजना को शीघ्र लागू कर १३ जिलों को जोडने वाली राजस्थान पूर्वी ईस्ट केनाल योजना को शीघ्र लागु कर जयपुर जिले के सभी बांधो को वर्शा जल से भरा जावें।
किसानों को कर्ज मुक्त करने की ठोस योजना बने।
राजस्थान में सरसों, चना, गेह, लहसुन व प्याज समर्थन मूल्य खरीद हेतु पंजियन किया गया है, उन सभी किसानों को खरीद नही होने पर बाजार व समर्थन मूल्य की अंतरराशि का भुगतान किया जावें।
राजस्थान की सभी मण्डियों में किसानों को जैविक उत्पाद बेचने के लिए जगह उपलब्ध कराई जाए एवं कृंशक प्लेटफार्मो को बिचौलियों के अतिक्रमण से मुक्त करवाकर किसानों को सौंपा जाए।
भारतीय गायों की रखरखाव के लिए किसानों को अनुदान दिया जाए तथा नकली पशुआहार बनाने वालों को कठोर से कठोर दण्ड दिया जाए।

अगर सरकार ने समय रहते किसानों के हित में निर्णय नही लिया तो भारतीय किसान संघ, आगामी १५,१६,१७ जून २०१८, को प्रदेश अधिवेशन में प्रभावी प्रदेषव्यापी आन्दोलन की रूप रेखा तय करेगा।



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