शरीर मंदिर हैं, जिसमें परमात्मा का है वासः मानव

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Published on : 21 May, 18 09:05

उदयपुर । नारायण सेवा संस्थान के बडी स्थित सेवामहातीर्थ परिसर में त्रिदिवसीय ’सरस भक्तमाल कथा‘ एवं ’दीनबन्धु वार्ता‘ कार्यक्रम के पहले दिन रविवार को संस्थान संस्थापक कैलाश ’मानव‘ ने कहा कि हमारा शरीर मंदिर है, जिसमें परमात्मा वास करते है। लेकिन हमारे शरीर से परमात्मा धीरे-धीरे लुप्त होते जा रहे है क्योंकि मनुष्य के मन में काम, क्रोध, लोभ, मोह का जाल बढता ही जा रहा है। जिससे परमात्मा को वह शरीर त्यागना पडता है। अगर हम इन चीजों का त्याग कर दें तो हमें मंदिर जाने की जरूरत नहीं है और हम अपने अंतर्मन से ही परमात्मा को याद कर सकते हैं।उन्होने कहा कि भगवान धन के भूखे नहीं ,सच्ची भक्ति व प्रेम के भूखे होते है। जो भगवान की मन से आराधना करता है भगवान उसकी हर मनोकामना पूर्ण करते है। इसलिए भगवान की धन से नहीं मन से भक्ति करनी चाहिए। कार्यक्रम का सीधा प्रसारण आस्था भजन चैनल पर हुआ। संचालन महिम जैन ने किया।

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