हुआ लोकार्पण एवं भामाशाह सम्मान समारोह

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Published on : 20 May, 18 21:05

रसिकलाल धारीवाल अतिथिगृह भवन का हुआ लोकार्पण एवं भामाशाह सम्मान समारोह

हुआ लोकार्पण एवं भामाशाह सम्मान समारोह उदयपुर। देश के प्रसिद्ध उद्योपगति धारीवाल ग्रुप के प्रकाशचन्द्र धारीवाल ने कहा कि दान एक रूपयें का हो चाहे एक करोड का,दान को दान देने वालों की भावना से देखा जाना चाहिये आंकडों से नहीं। एक रूपयें का दान भी उतना ही महत्व रखता है जितना की एक करोड का।
वे आज अम्बामाता स्थित महावीर साधना स्वाध्याय समिति द्वारा करोडो की लागत से निर्मित कराये गये रसिकलाल धारीवाल अतिथिगृह के लोकार्पण एवं भामाशाह सम्मान समारोह के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। उन्हने कहा कि उदयपुर में इस स्थान पर आ कर जैन समाज की एकता का जो अनुपम उदाहरण देखने को मिला,वैसा कहीं देखनें को नहीं मिला।
धारीवाल ने कहा कि अपनी कमाई का एक नि८चत हिस्सा दान पुण्य में अवश्य लगाना चाहिये और यह हमनें अपने पिताजी एवं दादाजी से सीखा है। दान देने से लक्ष्मी बढती है। समिति ने धारीवाल ग्रुप को समाज के ऋण से उऋण होने का अवसर दिया है।
समाजसेवी एवं समिति के पूर्वाध्यक्ष के.एस.मोगरा ने कहा कि सभी के सहयोग से समिति आज इस स्तर पर पंहुची है। अब हमें अपनी बहिन बेटियों को अन्य समाज में जाने,समाज में बढ रही तलाक की प्रवृत्ति को रोकने तथा राजनीति में समाज के प्रतिनिधित्व को बढाने पर विचार करना होगा।
महापौर चन्द्रसिंह कोठारी ने कहा कि नये मन्दिर,उपासरे बनाने के साथ-साथ पुरानें मन्दिरों को सार संभाल करने तथा उन्हें बाह्य रूप से एवं चरित्र् के रूप में भी सहेज कर भी रखना चाहिये। समाज के आये आडम्बरों को दूर करने तथा समाज के निर्धन लोगों की शिक्षा-दीक्षा एवं रोजगार उपलब्ध कराने पर विचार करना चाहिये।
प्रारम्भ समिति के अध्यक्ष प्रकाश कोठारी ने कहा कि महावीर साधना एवं स्वाध्याय समिति ने यहंा पर हर जैन पंथ के साधु-सन्तों का चातुर्मास आयोजित कर सभी की सामूहिक रूप से संवत्सरी मना कर देश के समस्त जैन समाज के समक्ष एक अनुपम उदारहण पेश किया और ऐसा व६ाोर् से चला आ रहा है। इस अवसर पर उन्होंने इस भव्य भवन के निर्माण से लेकर लोकार्पण तक के सफर को अपने भावनाओं में व्यक्त किया। समारोह को डॉ. बी.भण्डारी,उद्योपगति बी.एच.बाफना ने भी संबोधित किया। समिति की ओर से प्रकाशच्न्रद धाीवाल,दिना धारीवाल एवं धारीवाल परिवार का उपरना ओढाकर एंव स्मृतिचिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया।
इन भामाशाहों का हुआ सम्मान- समिति की ओर से भवन निर्माण एवं 24 कमरों के निर्माण में सहयोग करने वाले दानदाताओं के.एस.मोगरा,बी.एच.बाफना, डॉ. बी.भण्डारी,मानिक नाहर,ताराचन्द पामेचा,पी.एस.तलेसरा,अनिल बोर्दिया,किरणमल सावनसुखा,प्रमोद खाब्या, भंवरलाल दलाल,८यामसुन्दर वर्डिया,नारायणलाल,मांगीलाल लुणावत,ललित धुप्या,प्रकाश कोठारी,शश भण्डारी, नरेन्द्र कोठारी,आर.सी.गर्ग,बादाम बाई धुप्या एवं परिवार को उपरना ओढाकर एवं प्रशस्ति पत्र् प्रदान कर भामाशाह के रूप में प्रकाशचन्द्र धारीवाल ने सम्मानित किया।
समारोह में प्रेरणा बहू मण्डल ने गीत की एवं सन्मति महिला मण्डल की सदस्याओं ने नृत्य की प्रस्तुति दी। समिति ने भवन निर्माण के ठेकेदार मानाराम गमेती को उपहार स्वरूप सोने की चैन प्रदान की। इस अवसर पर वकार हुसैन ने दो दिन में भगवान महावीर की आक६ार्क आकृति तैयार कर उसे प्रकाशचन्द्र धारीवाल को भेंट कर साम्प्रदायिक सौहार्द्ध का उदाहरण पेश किया। प्रारम्भ में समिति के महामंत्री फतहसिंह मेहता ने नवकार मंत्र् का जाप किया एवं अंत में मंत्री ललित धुप्या ने आभार ज्ञापित किया। कार्यक्रम को आलोक पगारिया ने भी संबोधित किया। 3 हजार लोगों की गौतम प्रसादी के लाभार्थी प्रकाश कोठारी एवं परिवार रहा।

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