लोगों से कर रहे हैं सीधा संवाद-राहुल

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Published on : 19 May, 18 13:05

प्रोटोकाल को दरकिनार कर पब्लिक से मिलते रहे

कर्नाटक में करारी चोट के बाद कांग्रेस सुप्रीमो राहुल गांधी ने छत्तीसगढ़ आकर युवराज का आरोपित चोला उतार फेंकने की कोशिश की। उन्होंने लोगों से सीधे संवाद के उन पुराने तौर तरीकों को तत्काल खुद पर लागू कर लिया जो किसी जमाने में उनकी दादी इंदिरा और पिता राजीव आजमा कर जनता के नजदीक जाया करते थे।राहुल ने पहली बार पूरे दो दिन छत्तीसगढ़ में गुजारे। एक प्रकार से दस नेता दस दिशा में दौड़ रहे थे। कांग्रेस संगठन को एकजुट करने पर पूरा जोर लगा दिया और पूरे समय वह प्रोटोकाल को दरकिनार रख कर पब्लिक से मिलते रहे। रोड शो किया।रायपुर में बृहस्पतिवार को स्टेडियम में मंच पर उनके पब्लिक एड्रेस का कार्यक्रम था मगर राहुल अचानक नीचे बैठे नेताओं की पंक्ति में जा कर बैठ गए। इसी तरह सीतापुर सरगुजा में नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव की अगुवाई में जब कार्यक्रम स्थल पहुंचे तो राहुल का स्वागत सरगुजा के पारम्परिक शैला नृत्य के साथ किया गया। शैला नृत्य के नर्तकों को देख राहुल खुद शैला नृत्य का हिस्सा बन गए। कांग्रेस अध्यक्ष मांदर की थाप पर थिरकते देख उनके साथ पीसीसी चीफ भूपेश बघेल और नेता विपक्ष टीएस सिंहदेव भी थिरकने लगे।शुक्रवार को बिलासपुर में कांग्रेस अध्यक्ष विदाई के समय कड़ी सुरक्षा के बीच हेलीपैड पर खड़े आम लोगों से मिलने चल दिए। राहुल ने तोड़ा सुरक्षा घेरा तो एसपीजी वाले हरकत में आए। नक्सली आतंक से ग्रस्त राज्य में राहुल की सुरक्षा में लगे अफसरों को खूब पसीना बहाना पड़ा। कांग्रेस सूत्रों के अनुसार राहुल को हाल फिलहाल फीड किया गया है कि उनको अपना पब्लिक परसेप्शन बदलना होगा। देश की सबसे पुरानी और एक समय कई दशकों तक की सबसे बड़ी पार्टी अब केवल तीन छोटे राज्यों में ही सिमट गई है जहां कांग्रेस की सरकारें हैं। चुनाव में हाल यही रहा तो उनकी तरफ सवाल उठेंगे।राहुल गांधी ने बिलासपुर में चुनिंदा पत्रकारों के साथ मुलाकात में पार्टी के लिए अब भस्मासुर साबित हो रहे अजीत जोगी के संदर्भ में पूछे गये सवाल का जवाब देते हुए कहा कि पार्टी में कोई टूट नहीं हुई है, अजीत जोगी खुद पार्टी छोड़कर गए हैं जो लड़ाई के वक्त पार्टी छोड़ दे, उसकी पार्टी में कोई जगह नहीं है।
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