पत्रकारिता को जन्म दिया नारद जी ने

( 8176 बार पढ़ी गयी)
Published on : 13 May, 18 08:05

पत्रकारिता को जन्म दिया नारद जी ने श्री करनी नगर विकास समिति के आश्रय भवन में आयोजित गोश्ठी में वरिश्ठ पत्रकार श्री ब्रजेष विजयवर्गीय ने बताया कि हमारे षास्त्रों में नारद जी का नाम आता है वे वास्तव में पत्रकारिता को जन्म दिया। वे इधर- उधर जाकर समाचार पहचाने का काम करते थे। आज की पत्रकारिता बहुत व्यापक रूप में फैली हुई ह। आज समाचार पत्रों में जो सूचनाएँ दी जाती है, उन पर अधिक विष्वास किया जाता है। पत्रकारिता में सदा से परिवर्तन होते रहे है और आगे भी होगें। आपने विषेश रूप से बताया कि आज की पत्रकारिता व्यवसाय बन गया है बडंे-बडे लोगों ने अखबार को खरीद लिया है इसलिए पत्रकारों को मालिको को खुष रखना पडता ह। आज मीडिया सषक्त तो हुआ है। परन्तु उसे संभलकर चलाने की आवष्यकता है। पूर्वाग्रह मुक्त होना चाहिए। आज सोषल मीडिया की वजह से कोई बात छिपाई नहीं जा सकती परन्तु पत्र- पत्रिकाओं में सभी को स्थान नही देना चाहिए। आज सभी प्रकार के ज्ञान को हम पत्रों के माध्यम से प्राप्त करतें हैं कोई विशय अछूता नही रहा है। मीडिया राजनीति को बहुत अधिक प्रभावित करता है। आज थोडा बदलाव आ रहा है। बडंे- बडें लोगो के हाथों से निकल कर आज जनता के हाथों में सूचना का अधिकार आ रहा है। पत्र-पत्रिकाएँ राजनीतिक दलों से भी जुडे है। वे उनका ही प्रचार करते है। इसको रोकना चाहिए। अपने प्रष्नो के उत्तर भी दियें। सी सी एम सक्सेना नें अध्यक्षता करते हुए कहा कि हर व्यक्ति को ईमानदार होना चाहिए तभी जाकर पत्रकारिता भी उपयोगी और राश्ट्र के लिए उन्नितकारक होगी। प्रो हरिमोहन षर्मा नें अपने अनुभव से परिचित कराया और धन्यवाद ज्ञापित किया।


साभार :


© CopyRight Pressnote.in | A Avid Web Solutions Venture.