रेल की चपेट में आने से पैंथर की हुई मोत

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Published on : 11 May, 18 09:05

टाइगर और पैंथर को एन्वायरमेंट के लिए बचना जरूरी डॉक्टर सुधीर गुप्ता

रेल की चपेट में आने से पैंथर की हुई मोत के डी अब्बासी / कोटा कोटा के नजदीक दरा रेल लाइन पर आज सवेरे लगभग आठ बजे के करीब मुकन्दरा टाइगर रिजर्व क्षेत्र से एक पैंथर निकल कर रेल लाइन पर आ गया । कोटा की तरफ से जा रही एक ट्रेन की चपेट में आ गया जिससे उसकी मोत हो गयी । पैंथर की मोत की खबर सुनकर वन विभाग के अफसर पहुंचे।

पैंथर के शव का पोस्ट मार्टम कराया जायेगा। इधर इस घटना से वन्य जीव प्रेमी नाराज हे । वन्य जीव प्रेमी हमेशा यह मांग करते आरहे हे कि रेल लाइन के आसपास फेंसिंग कराई जाये जिससे बेजुबान जानवरो की मोत न हो लेकिन जिला प्रसाशन ने इसे कभी गम्भीरता से नही लिया जिसके कारण अक्सर रेल लाइन पर बेजबान जानवरो की मोत होती रहती हे । कोटा के मश्हूर डॉक्टर और समाज सेवी व् वन्य जीव प्रेमी सुधीर गुप्ता ने पैंथर की मोत पर दुःख जाहिर करते हुए बताया कि पैंथर और टाइगर को इसलिए बचाना जरूरी नही की वह खूबसूरत और ताकत वर हे बल्कि इसलिये पैंथर और टाइगर के जिन्दा रहने से एन्वायरमेंट बचता है। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया की पिछली बार सुलतनपुर में टाइगर की मोत के समय वँहा गए थे उस समय ग्रामीणों ने बताया था की टाइगर के कारण यहां का क्षेत्र हर भरा हे नीलगायों का आतंक खतम हो गया और खनन पर भी रोक सी लग गई हे और फसलों की भी सुरक्षा हो रही हे।जंगल में पानी हे। उन्होंने बताया कि आने वाले समय में पानी की दिक्कत आएगी लेकिन टाइगर और पैंथर के रहने से पानी भी बचेगा। उन्होंने बताया कि एक टाइगर के रहने से 100 किलोमीटर के इलाके में खूब पानी रहता हे। उन्होंने बताया की इन को बचाने के लिए कई बार रेल अफसरों और वन विभाग के अफसरों से मिले लेकिन उन्होंने टालने के अलावा कुछ नही किया । उन्होंने रेल अफसरों को सुझाव दिया हे कि कम से कम नए बनने वाले ट्रको पर निचे से आने जाने के रस्ते रखे जिससे इनको बचाया जा सके।

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