“ एक भारत श्रेष्ठ भारत “ के अंतर्गत आयोजन

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Published on : 07 May, 18 20:05

 “ एक भारत श्रेष्ठ भारत “ के अंतर्गत आयोजन राजकीय पं दीनदयाल उपाध्याय सार्वजनिक मण्डल पुस्तकालय, कोटा मे दिनांक 7 मई 2018 को पुज्य गुरुदेव रविन्द्र नाथ टेगोर की 157 वीं जयंति समारोह को भारत सरकार के प्रोजेक्ट “ एक भारत श्रेष्ठ भारत “ के अंतर्गत आयोजन किया गया इस कार्यकृम कें मुख्य अतिथी डा. ओम नागर साहित्यकार, विशिष्ठ अतिथी डा. प्रितिमा व्यास लाब्रेरीयन अकलंक ग्रुप आफ कालेज रही ।

इस अवसर पर डा. श्रीवास्तव नें गुरुदेव रविन्द्रनाथ टेगोर को “ एक भारत श्रेष्ठ भारत ” कार्यक्रम के अंतर्गत राजस्थान राज्य के मित्र राज्य आसाम से कनेक्ट करते हुयें बताया कि – गुरुदेव का आसाम से बडा ही गहरा जुडाव था उन्होनें गुवाहाटी विश्वविधालय के प्रोफेसरउषा रंजन भट्टाचार्य की शोध आधारित पुस्तक “ नील सोनालीर बानी रविन्द्रनाथ – आसाम सम्पर्क” का हवाला देते हुये बताया कि गुरुदेब अविभाजित भारत के समय आसाम मे 1919 , 1923 एवं 1927 में आसाम में भ्रमण कर साहित्यिक गतिविधियों के जरियें संस्कृति के नये आयाम स्थापित कियें गयें। आसाम के ख्यात लेखक लक्ष्मीनाथ बजबरुआ के टेगोर जी के साथ पारिवारिक रिश्तें थें ।

इस अवसर पर सिद्धार्थ अग्निहोत्री की मूवी “ रिव्यु ऑफ थी बायोग्राफी ऑफ रबिन्द्रनाथ टेगोर” को दिखाया गया तथा कार्यक्रम की शुरुवात राष्ट्रीय गान से की गयी । राज्यसभा टेलीविजन के कार्यकारी निदेशक की श्रंखला विरासत के जरियें टेगोर की रचनाधर्मिता पर डाक्युमेंट्री दिखायी गयी ।

इस अवसर पर मुख्य अतिथी डा. ओम नागर ने कहा कि - गीतांजली कितनी लोकप्रिय ग्रंथ हें कि उसका लगभग सभी देशी विदेशी भाषाओं में अनुदित संस्करण आज मोजुद हें उनकें द्वारा स्थापित संस्थान – शांतिनिकेतन आज भी विश्वभर में अपनी नेतिक मुल्यों के लियें प्रसिद्ध हें । विशिष्ठ अतिथी श्रीमति प्रितिमा व्यास नें कहा कि – रबिन्द्रनाथ टेगोर ऐसे भारतीय थें जिन्होनें “ सर ” कि मिली हुई उपाधी विदेशी सरकार को जलियवाला बाग काण्ड देखकर लोटा दी। कार्यक्रम की प्रभारी शशि जैन नें कहा- कि गुरुदेव रविन्द्रनाथ टेगोर अपनी सफलता का राज – एकला चलो रें के नियम को बता थें जो आज भी उतना ही प्रासंगिक हें । इस अवसर पर सभी आगंतुक अतिथीगण , अतिथी , वरिष्ठ पाठक , युवा पाठक , बाल पाठक एवं महिला पाठकों का पुस्तकालय कें प्रभारी डा.दीपक कुमार श्रीवास्तव नें रोली तिलक लगाकार स्वागत किया ।
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