संरक्षणवाद को हर रूप में खारिज किया जाना चाहिए

( 11417 बार पढ़ी गयी)
Published on : 24 Apr, 18 17:04

बीजिंग। भारत ने अमेरिका द्वारा नई व्यापार बाधाएं खड़ी करने और वैश्विक व्यापार में संरक्षणवाद बढ़ने पर चिंता जताई है। संरक्षणवाद को हर रूप में खारिज किए जाने की वकालत करते हुए भारत ने ऐसे आर्थिक वैश्वीकरण में अपना पूर्ण विश्वास जताया जो और अधिक खुला, समावेशी और न्यायसंगत हो। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने आज यहां शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के विदेशी मंत्रियों की परिषद को संबोधित करते हुए संरक्षणवाद के मुद्दे को उठाया। सुषमा बैठक में शामिल होने के लिए चीन की यात्रा पर हैं। उन्होंने कहा, ‘‘एससीओ के सदस्य देश ऐतिहासिक तौर पर साझा समानताओं से जुड़े हैं और हम लगातार इनका कायाकल्प कर रहे हैं।’’

सुषमा ने कहा, ‘‘भारत हमारे आर्थिक और निवेश संबंधों को मजबूती प्रदान करने के लिए एससीओ के साथ काम करने के लिए प्रतिबद्ध है। हमारा विश्वास है कि आर्थिक वैश्वीकरण और अधिक खुला, समावेशी, न्यायसंगत और आपसी लाभ के लिए संतुलित होना चाहिए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘संरक्षणवाद को हर रूप में खारिज किया जाना चाहिए और व्यापार बाधाओं को दूर करने के लिए अनुशासनात्मक कदम उठाने के प्रयास किए जाने चाहिए।’’ सुषमा ने संगठन के आठ सदस्य देशों से वैश्विक अर्थव्यवस्था को और अधिक उत्साह प्रदान करने के लिए व्यापार एवं निवेश के लिए सुविधाएं देने, उदारीकरण को बढ़ावा देने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, ‘‘ इसके लिए हमें नवोन्मेष, डिजिटल अर्थव्यवस्था, विज्ञान एवं तकनीक, ऊर्जा, कृषि, खाद्य सुरक्षा एवं अन्य क्षेत्रों में अपने सहयोग में विविधता को बनाए रखना होगा।’’

गौरतलब है कि इस माह की शुरूआत में अमेरिका की डोनाल्ड ट्रंप सरकार ने एल्युमीनियम और इस्पात के आयात पर शुल्क लगाने के साथ ही चीन से आयात पर अलग से शुल्क लगाया था। यह शुल्क चीन की व्यापार नीतियों के खिलाफ 1,300 श्रेणियों के उत्पादों पर लगाया गया था। इस कदम की भर्त्सना करते हुए चीन के वाणिज्य मंत्रालय ने अमेरिका को जवाबी कार्रवाई करने की चेतावनी दी थी।
साभार :


© CopyRight Pressnote.in | A Avid Web Solutions Venture.