बजरी समस्या के समाधान पर मंथन करने आज जुटेंगे देष भर के इंजीनियर्स

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Published on : 21 Apr, 18 12:04

विशय विषेशज्ञ तीन तकनीकी सत्रों में प्रस्तुत करेंगे २५ पत्र


उदयपुर। माइनिंग इंजीनियर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया, राजस्थान चैप्टर, उदयपुर, खान व भू-विज्ञान विभाग, राजथान सरकार तथा खनन अभियांत्रिकी विभाग, सी.टी.ए.ई., उदयपुर के संयुक्त तत्वावधान में २१ अप्रेल से “नदी बजरी (रेती) खनन की समस्याएं एवं विकल्प” विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला एवं प्रर्दशनी का ष्ुाभारम्भ प्रौद्योगिकी एवं अभियांत्रिकी महाविद्यालय के सभागार में होगा। सेमिनार का उद्घाटन प्रातः साढे दस बजे होगा।
सीटीआई के अधिश्ठाता डॉ. एस.एस.राठौड ने बताया कि राष्ट्रीय कार्यशाला का षुभारम्भ प्रातः १० बजे होगा। जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में संासद अर्जुनलाल मीणा एवं बतौर विशिष्ठ अतिथि नीति आयोग के संयुक्त सचिव विक्रम सिंह गौड भाग लेंगे जबकि अध्यक्षता माइनिंग इंजीनियर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष अरुण कोठारी करेंगें। कार्यशाला में बडी संख्या में राजस्थान एवं अन्य राज्यों के खान एवं भू-विज्ञान विभाग के अधिकारी, भारत सरकार के खान मंत्रालय, भारतीय खान ब्यूरो, खान सुरक्षा महानिदेशालय के अधिकारी एवं विभिन्न राजकीय संस्थानों के अभियंता, खान व्यवसायी, उद्योगपति, बजरी उत्पादक व्यवसायी आदि भाग लेंगे।
माइनिंग इंजीनियर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष अरुण कोठारी ने बताया कि बजरी की अनुपलब्धता के साथ देष में रोजगार पर जबरदस्त संकट गहराता दिखार्द दे रहा है। यदि षीघ्र इसके विकल्प का उपयोग नहीं किया गया तो स्थिति बहुत गंभीर हो जायेगी। ऐसे विकल्प को ढूंढना होगा जिससे पर्यावरण का हास भी नही,हो और देष का चहुंमुखी विकास भी हो जायें। इंजीनियर्स पर इस पर निरन्तर षोध कर रहे है।

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