पंचकल्याणक महोत्सव

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Published on : 20 Apr, 18 09:04

उदयपुर। राष्ट्रसंत और गणिनी आर्यिका सुप्रकाशमती माताजी और मुनि आज्ञा सागर महाराज के सानिध्य में औद्योगिक नगरी कानपुर गंाव में आयोजित पंाच दिवसीय पंचकल्याणक प्रतिश्ठा महोत्सव के दूसरे दिन भगवान आदिनाथ का जन्मकल्याणक हर्शोल्लस के साथ मनाया गया।
इस अवसर पर आयोजित धर्मसभा को संबोधित करते सुप्रकाषमति माताजी ने कहा कि ये जीवात्मा जब तक संसार अवस्था मे ंहै तब तक किसी न किसी पर्याय के रूप में जन्म लेती है। इस संसार में मनुश्य पर्याय सर्वश्रेश्ठ है। संसार में कुछ लोग आबादी बढाने तो कुछ पाप बढाने के लिये जन्म लेते है,तो कुछ संस्कृति को जीवित रखने के लिये जन्म लेते है।
उन्हने कहा कि जहंा संत-महात्माओं ने जन्म लिया वहां आत्मा को परमात्मा बनाने के सूत्र सिखया गया। अपने जीवन को सार्थक बनाने के लिये हम नाटक के रूप म जन्मकल्याण देख रहे है।
कानपुर समाज के अध्यक्ष षान्तिलाल जैन एवं चम्पालाल जैन ने बताया कि आज प्रातःषान्तिधारा के लाभार्थी भीमराज ने इसे पूर्ण किया। कार्यक्रम में अश्टकुमारियां और इन्द्र-इन्द्राणीने अनेक प्रकार के नृत्य नाटकों द्वारा भगवान के जन्मोत्सव का मनाया।

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