राजस्थान में कृषि खाद्य प्रसंस्करण उद्योग की विपुल सम्भावनाएं : उद्योग मंत्री

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Published on : 18 Apr, 18 17:04

खाद्य प्रसंस्करण एवं प्रधानमंत्री किसान सम्पदा योजना पर एसोचेम एवं यूसीसीआई के साझे में सम्मेलन का आयोजन

राजस्थान में कृषि खाद्य प्रसंस्करण उद्योग की विपुल सम्भावनाएं : उद्योग मंत्री उदयपुर, 18 अप्रैल, 2018। “केवल इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेन्ट पर्याप्त नहीं है। इन्फ्रास्ट्रक्चर का समुचित उपयोग आवश्यक है। आधारभूत सुविधाओं का इस्तेमाल स्किल डेवलपमेन्ट द्वारा देश की युवा जनसंख्या को मानव संसाधन में तब्दील करने में होना चाहिये।“ उपरोक्त विचार उद्योगमंत्री श्री राजपालसिंह शेखावत ने यूसीसीआई में व्यक्त किये। एसोसियेटेड चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स एण्ड इण्डस्ट्री (एसोचेम) इण्डिया, उदयपुर चैम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इण्डस्ट्री (यूसीसीआई), महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, उदयपुर द्वारा खाद्य एवं प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय, भारत सरकार के संयुक्त तत्वावधान में “खाद्य प्रसंस्करण एवं प्रधानमंत्री किसान सम्पदा योजना“ विषय पर एक दिवसीय सम्मेलन का आयोजन यूसीसीआई के पी.पी. सिंघल ऑडीटोरियम में किया गया। समारोह के मुख्य अतिथि राज्य सरकार के उद्योग मंत्री श्री राजपाल सिंह शेखावत ने कहा कि देश में खाद्यान का इतना उत्पादन होता है कि प्रत्येक व्यक्ति को तीन समय का भोजन आसानी से उपलब्ध हो सके। किन्तु देश में प्रति वर्ष लगभग 92 हजार करोड का खाद्यान वेस्ट हो जाता है जिसके परिणामस्वरूप देश के करोडो लोगों का मात्र एक समय ही भोजन उपलब्ध हो पाता है। इसी तथ्य के मद्देनजर केन्द्र सरकार द्वारा सन 2022 तक किसान की आमदनी दोगुनी करने का लक्ष्य रखा गया है। किन्तु मात्र खाद्यान का उत्पादन बढाने मात्र से किसान की आमदनी दोगुनी नहीं हो जायेगी। इसके लिये जरूरी है कि खाद्यान के प्रसंस्करण पर आधारित उद्योगों की स्थापना हो। विगत कुछ वर्षों में राजस्थान कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के एक प्रमुख केंद्र के रूप में उभरा है । श्री शेखावत ने खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के महत्व पर प्रकाश डालते हुए इसे राजस्थान के आर्थिक विकास एवं कृषि का मुख्य आधार स्तम्भ बताया। उन्होंने कहा कि कृषि खाद्य प्रसंस्करण उद्योग की राजस्थान में विपुल संभावनाएं हैं। इससे कृषि में रोजगार सृजन के साथ ही प्रदेश की आर्थिक स्थिति, कृषि उत्पादन एवं उत्पादकता का भी विकास होगा। उदयपुर चेम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इण्डस्ट्री के अध्यक्ष हंसराज चौधरी ने कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों की स्थापना के माध्यम से राजस्थान में नए रोजगार के सृजन की संभावनाओं पर प्रकाश डाला एवं सम्भाग के विभिन्न कृषि उत्पादों पर आधारित कृषि व खाद्य प्रसंस्करण उद्योगो संभावनाओं पर जानकारी दी। श्री चौधरी ने कृषि विभाग में किये जा रहे खाद्य प्रसंस्करण अनुसन्धान एवं परियोजनाओं पर प्रकाश डालते हुये क्षेत्र में कृषि, खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों की स्थापना पर जोर दिया। राज्य में स्टेट फूड प्रोसेसिंग की स्थापना एवं प्रदेश में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के विकास की संभावनाओं के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए श्री चौधरी ने दक्षिण राजस्थान में फूड पार्क की स्थापना हेतु विशेष प्रयास किये जाने पर बल दिया। श्री चौधरी ने यूसीसीआई की ओर से उद्योगों की समस्याओं पर एक प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। कार्यक्रम के विशिष्ठ अतिथि भारत सरकार के खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय के संयुक्त सचिव श्री पराग गुप्ता ने खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों की स्थापना हेतु सरकारी योजनाओं का अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार करने तथा उद्यमियों से इन योजनाओं का लाभ लेने एवं खाद्य प्रसंस्करण आधारित उद्योग लगाने पर जोर दिया। साथ ही सभा में उपस्थित यूसीसीआई तथा एसोचेम के पदाधिकारियों से भी मेवाड़ क्षेत्र में कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को दु्रत गति से बढ़ाने के लिये प्रयास करने पर बल दिया। इस सम्मेलन में मुख्य रुप से किसानों एवं कृषि एवं खाद्यान प्रसंसकरण उद्योग से जुडे प्रतिभागियों ने महत्वपूर्ण विचारों का आदान-प्रदान किया। प्रश्नकाल के दौरान संयुक्त सचिव श्री पराग गुप्ता ने छात्रों एवं उद्यमियों के शंकाओं एवं जिज्ञासाओं का समाधान किया। इस अवसर पर एसोचेम के वरिष्ठ निदेशक डॉ. ओम एस. त्यागी ने एसोचेम द्वारा कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों की स्थापना एवं इसकी जागरूकता बढ़ाने में एसोचेम के प्रयासों से प्रतिभागियों को अवगत कराया। यूसीसीआई के संरक्षक श्री अरविन्द सिंघल एवं जिला उद्योग केन्द्र के संयुक्त निदेशक श्री विपुल जानी ने भी विचार रखे। तकनीकी सत्र के दौरान ग्रीनटेक मेगा फूड पार्क लिमिटेड के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर श्री अजय गुप्ता ने मेगा फूड पार्क के माध्यम से खाद्यान के उचित उपयोग को रेखांकित किया। नाबार्ड-उदयपुर के डीडीएम श्री शशिकमल ने नाबार्ड द्वारा पोषित विभिन्न परियोजनाओं की जानकारी दी व एवं कृषि व खाद्य प्रसंस्करण उद्योग द्वारा रोजगार सृजन की प्रबल संभावनाएें बताते हुए नाबार्ड द्वारा खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र के विकास एवं क्षमतावर्द्धन हेतु 2 हजार करोड़ रूपये स्वीकृत करने की जानकारी दी। जीवना वाइटेलिटी के श्री पैट्रिक श्लाटर तथा श्री ईव्स सूट्स ने अपने स्टार्ट-अप का परिचय देते हुए उनकी सेवाओं में किये नवाचार के बारे में जानकारी दी। जीवना वाइटेलिटी उदयपुर में पीने हेतु स्वच्छ जल को आधुनिक तकनीक से सस्ते दामों में घर-घर पहुंचाने का महत्वपूर्ण कार्य कर रही है। कृषि उपज मण्डी के श्री भगवान सिंह जटवा ने औषधीय पौधों के उपयोग एवं इन पर आधारित उद्योगों की सम्भावनाओं पर चर्चा की।
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