किशनगढ़ के मार्बल क्षेत्र में भी दहशत का माहौल।

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Published on : 14 Apr, 18 14:04

जिस प्रकार यूपी, बिहार में अपराधी अपनी धमकी को अंजाम देते हैं ठीक उसी प्रकार 10 अप्रैल की रात को अजमेर के किशनगढ़ क्षेत्र में नगर परिषद के पूर्व सभापति और प्रोपर्टी डीलर प्रदीप च ौधरी (जैन) के घर पर गुंडातत्वों ने पांच राउंड फायरिंग की। फायरिंग की आशंका प्रदीप च ौधरी ने पहले ही जता दी थी, 9 अप्रैल को च ौधरी ने किशनगढ़ के गांधी नगर पुलिस स्टेशन और अजमेर स्थित जिला पुलिस की स्पेशल ब्रांच में शिकायत कर बताया था कि मोबाइल नम्बर 7737200344 से लगातार फोन आ रहे हैं। फोन करने वाला स्वयं को अजमेर जेल में बंद रामस्वरूप च ौधरी उर्फ गजनी बता रहा है। प्रदीप ने पुलिस से उचित कार्यवाही का आग्रह भी किया, लेकिन पुलिस की ढिलाई के चलते धमकी देने वालों पर कोई कार्यवाही नहीं हुई। 10 अप्रैल की रात को 9 बजे दो अज्ञात व्यक्तियों ने प्रदीप च ौधरी के हरि काॅलोनी निवास पर पांच राउंड फायरिंग की। फायरिंग के साथ ही एक पर्ची मकान पर चस्पा की गई, जिसमें 50 लाख रुपए की फिरोती मांगी गई और नहीं देने पर प्रदीप के दोनों पुत्रों की हत्या करने की धमकी दी गई। अब पुलिस कुछ भी कहे लेकिन सवाल उठता है कि 9 अप्रैल को प्रदीप की शिकायत पर कार्यवाही क्यों नहीं की गई? जहां तक जेल से फोन करने का सवाल है तो यह सामान्य बात हो गई है। अजमेर जेल ही नहीं राजस्थान की किसी भी जेल से अपराधीतत्व आसानी से फोन कर लेते हैं। हो सकता है कि फायरिंग के पीछे भूमि विवाद हो, लेकिन पुलिस को तो अपनी जिम्मेदारी को निभाना ही चाहिए। जब पुलिस को मोबाइल नम्बर उपलब्ध करवा दिया गया था तो फिर कार्यवाही क्यों नहीं की हुई।
मार्बल एरिया में दहशतः
हालांकि फायरिंग प्रदीप के हरि काॅलोनी स्थित घर पर हुई, लेकिन इस फायरिंग से किशनगढ़ के मार्बल एरिया में दहशत का माहौल है। अजमेर की जेल में बंद रामस्वरूप च ौधरी उर्फ गजनी के गुर्गे मार्बल एरिया में भी सक्रिय हैं। ताजा फायरिंग से ऐसे गुर्गो को और मदद मिलेगी। मार्बल एरिया में फैक्ट्री चलाने वालों का पहले ही आरोप है कि पुलिस अपराधी तत्वों के खिलाफ सख्त कार्यवाही नहीं करती है। आरोप तो यहां तक है कि अपराधी तत्वों को राजनीतिक संरक्षण मिला हुआ है।
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