25 क्विंटल के बजाय अब 40 क्विंटल उपज की होगी तुलाई

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Published on : 13 Apr, 18 11:04

25 क्विंटल के बजाय अब 40 क्विंटल उपज की होगी तुलाई
केन्द्र सरकार ने दी अनुमति
(डॉ.प्रभात कुमार सिंघल) भारत सरकार ने किसान से एक दिन में अधिकतम 25 क्विंटल के बजाय 40 क्विंटल सरसों एवं चना की समर्थन मूल्य पर खरीद किये जाने की अनुमति दे दी हैं। मुख्यमंत्री श्रीमती राजे द्वारा 25 क्विंटल की तुलाई सीमा के कारण किसानों को हो रही परेशानी को दूर करने के लिये भारत सरकार से एक दिन में 25 क्विंटल की खरीद सीमा को बढ़ाने का आग्रह किया गया था।
यह जानकारी सहकारिता मंत्री अजय सिंह किलक ने गुरूवार को दी। सहकारिता मंत्री ने बताया कि अब किसानों से सरसों एवं चना की एक दिन में 40 क्विंटल तक खरीद हो सकेगी। उन्होंने बताया कि इस निर्णय से किसानों को अपनी उपज को बेचने के लिये दूसरे दिन का इन्तजार नहीं करना पड़ेगा। उन्होंने बताया कि समर्थन मूल्य पर खरीद के लिये शुरू की गयी ऑनलाइन पंजीयन सुविधा के प्रति किसानों में भारी उत्साह है और अब तक 3 लाख 10 हजार से अधिक किसानों द्वारा ऑनलाइन पंजीयन करवाया गया है। उन्होंने बताया कि राज्य में सरसों के 217, चना के 184 तथा गेहूं के 90 केन्द्रों के जरिये समर्थन मूल्य पर खरीद की जा रही है और अबतक 180 करोड़ रुपये से अधिक की उपज की खरीद की जा चुकी है।
प्रमुख शासन सचिव, सहकारिता अभय कुमार ने समर्थन मूल्य पर खरीद व्यवस्था की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिये कि राज्य में रोजाना बदल रहे मौसम के मद्देनजर प्रतिदिन होने वाली खरीद को भण्डारगृहों में जमा कराया जाना सुनिश्चित किया जाये। इसमें किसी प्रकार की कोताही नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इसके लिये समर्थन मूल्य की जा रही खरीद वाले 18 जिलों के इकाई उप रजिस्ट्रारों को वाहन की सुविधा दी जायेगी। उन्होंने बताया कि ऐसे जिलों के इकाई उप रजिस्ट्रार राज्य सरकार के नियमानुसार वाहन किराये पर लेने के लिये अधिकृत होंगे। उन्होंने बताया कि इस व्यवस्था से खरीद केन्द्रों पर अधिक जगह उपलब्ध होने से उपज तुलाई में सुविधा होगी। प्रबंध निदेशक, राजफैड ने बताया कि संभाग में सभी केन्द्रों पर व्यवस्थाओं को चाक-चौबन्द करने के लिये खरीद केन्द्र प्रभारियों को पाबन्द कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि कोटा संभाग में चना खरीद में एडमिक्सचर की समस्या आ रही थी जिसके कारण चना भण्डारगृहों में जमा नहीं हो पा रहा था, अब इसे दूर कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि अब तेजी से चना को भण्डारगृहों में जमा कराया जा सकेगा तथा खरीदी गयी उपज सुरक्षित रह सकेगी।
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